महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष: NDA से बाहर होगी शिवसेना, सांसद संजय राउत ने कही ये बड़ी बात
महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष के बीच शिवसेना (Shiv Sena) ने बीजेपी (BJP) के साथ सभी रिश्ते खत्म करने का मन बना लिया है. शिवसेना के बड़े नेता और सांसद संजय राउत ने कहा है कि उनकी पार्टी शीतकालीन सत्र के मद्देनजर बुलाई गई एनडीए घटक दलों की बैठक में शामिल नहीं होगी.
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सत्ता संघर्ष के बीच शिवसेना (Shiv Sena) ने बीजेपी (BJP) के साथ सभी रिश्ते खत्म करने का मन बना लिया है. शिवसेना के बड़े नेता और सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा है कि उनकी पार्टी शीतकालीन सत्र के मद्देनजर बुलाई गई एनडीए घटक दलों की बैठक में शामिल नहीं होगी. माना जा रहा है कि शिवसेना जल्द ही एनडीए (NDA) गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर सकती है.
शनिवार को मीडियाकर्मियों ने जब शिवसेना नेता संजय राउत से यह पूछा कि क्या शिवसेना संसद सत्र से पहले दिल्ली में एनडीए की बैठक में जाएगी, तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि शिवसेना नहीं जाएगी. शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के बीच हुई कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) के ठीक एक दिन बाद राउत ने दावा किया था कि उनकी पार्टी राज्य में आगामी 25 सालों तक शासन करेगी. साथ ही उन्होंने बीजेपी से कहा था कि वह उन्हें डराने या धमकाने की कोशिश न करें और शिवसेना को अपना राजनीतिक रास्ता चुनने दें. महाराष्ट्र: शिवसेना-एनसीपी और कांगेस के मिलन के बाद भी बीजेपी ने नहीं छोड़ी आस, फिर किया राज्य में सरकार बनाने का दावा
जबकि मीडिया ने बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर व्यंग्य करते हुए राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी अब यह घोषणा नहीं करेगी कि 'हम ही लौटेंगे, हम ही लौटेंगे, हम ही लौटेंगे.' वहीं शिवसेना के नए सहयोगियों के साथ काम करने के सूत्र को लेकर कुछ नहीं बताया.
महाराष्ट्र की सत्ता में साझेदारी को लेकर बीजेपी से टूटी शिवसेना ने एनसीपी (NCP) और कांगेस (Congress) से गठबंधन कर सरकार बनाने का फार्मूला तैयार किया. हालांकि इसके बाद भी सरकार बनाने का पेंच फंसा हुआ है. लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली पहली सरकार बनेगी. और यह सरकार पांच साल का कार्यकाल भी पूरा करेगी.
रिपोर्ट्स की मानें तो शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद मिलेगा, लेकिन वह आधे कार्यकाल (30 महीने) या पूर्ण अवधि (पांच वर्ष) के लिए होगा, अभी तक इसका खुलासा नहीं हुआ है, जबकि उप-मुख्यमंत्री एनसीपी-कांग्रेस का हो सकता है.