महाराष्ट्र में घमासान: विधानसभा कार्यकाल खत्म होने में महज 3 दिन बाकी, बीजेपी-शिवसेना एक दूसरे के आगे झुकने को तैयार नहीं
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणामों को 13 दिन बीत चुके हैं. विधानसभा कार्यकाल खत्म होने में महज तीन दिन बाकी हैं लेकिन अभी तक सरकार गठन को लेकर तस्वीरे साफ नहीं हुई हैं. मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी आमने सामने हैं.
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा चुनाव परिणामों को 13 दिन बीत चुके हैं. विधानसभा कार्यकाल खत्म होने में महज तीन दिन बाकी हैं लेकिन अभी तक सरकार गठन को लेकर तस्वीरे साफ नहीं हुई हैं. मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी आमने सामने हैं. शिवसेना और बीजेपी (BJP) दोनों ही अपने स्टैंड पर कायम हैं. शिवसेना (Shiv Sena) अपने फिफ्टी-फिफ्टी के फॉर्मूले पर अड़ी है, वहीं बीजेपी किसी भी तरह की नरमी नहीं दिखा रही है. सूबे में लगातार मुलाकातों का दौर जारी है. सियासी बयानबाजी भी अपने चरम पर है. सरकार गठन को लेकर नेताओं के दावे सुर्खियों में हैं. ऐसे में महाराष्ट्र का सियासी मुकाबला बेहद दिलचस्प होता जा रहा है.
तेजी से बदलते महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम में शिवसेना और बीजेपी जहां जिद पर अड़े हैं, तो इसी बीच कांग्रेस-एनसीपी मौके की तलाश में हैं. सियासी उठापठक के बीच मंगलवार को मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर पर महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेताओं की बैठक हुई. बैठक के बाद बीजेपी की तरफ से दावा किया गया की देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने जा रही है. मंगलवार देर शाम सीएम देवेंद्र फडणवीस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी मुलाकात की.
सीएम की कुर्सी देने को राजी नहीं बीजेपी
इस सियासी तनातनी के बीच केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि बीजेपी सीएम पद और गृह मंत्रालय किसी भी सूरत में शिवसेना को देने को राजी नहीं है. PWD, हाउसिंग और राजस्व विभाग जैसे अहम मंत्रालय 50-50 फॉर्मूले के तहत बांटे जा सकते हैं. आठवले ने कहा कि शिवसेना को इस प्रस्ताव पर हामी भर देनी चाहिए. इससे पहले रामदास आठवले ने कहा था की महाराष्ट्र का सीएम बीजेपी से ही होगा.
शिवसेना मांगों पर अडिग
बीजेपी भले ही शिवसेना को मनाकर सरकार गठन करने की तैयारी में है लेकिन शिवसेना है की अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं है. शिवसेना नेता संजय राउत बार-बार कह रहे हैं कि उनकी पार्टी इस बात पर अडिग है. वे सत्ता में बरारबरी की भागेदारी चाहते हैं. शिवसेना की मांग है की बीजेपी सत्ता की भागीदारी पर लिखित रूप में भरोसा दिलाए और दोनों पार्टी के सीएम का कार्यकाल ढाई-ढाई साल हो.
शिवसेना भले ही अपनी मांगों पर अडिग है और सरकार बनाने के एनी विकल्प तलाश रही है लेकिन बीजेपी साफ कर चुकी है कि अगले पांच साल तक देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे. अब देखना यह होगा की सियासत की इस जंग का क्लाइमेक्स क्या होगा. बीजेपी और शिवसेना सरकार गठन के लिए कौनसी रणनीति अपनाते हैं.
बता दें की कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत 145 है. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 105 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं. वहीं, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं.