Maharashtra Assembly Elections 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को महाराष्ट्र के सतारा (Satara) में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस-एनसीपी के नेता जनता के मूड को नहीं समझ पा रहे हैं. उन्हें लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में सजा मिली थी. उन्होंने कहा कि इस बार जनता उन्हें आगामी चुनावों में कठोर सजा देगी, चाहे वह महाराष्ट्र में हो या हरियाणा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के दलों के भीतर भी दंगल है और दोनों दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच दंगल चल रहा है. वो एक-दूसरों को हैसियत दिखाने के लिए बिसात बिछा रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि जहां कार्यकर्ताओं में, गठबंधन में ही बंटवारा है वो महाराष्ट्र को एकजुट भला कैसे कर सकते हैं. इनकी राजनीति का एक ही आधार है- बांटो और बांटो. और मलाई खाओ. ये संस्कार छत्रपति शिवाजी के बिलकुल नहीं हैं. उन्होंने तो समभाव और सद्भाव से राष्ट्र सेवा का मार्ग दिखाया है. यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने की आलोचना करने वालों के बयान इतिहास में होंगे दर्ज.
PM Modi, in Satara: Congress-NCP leaders are unable to understand the mood of the people. They were punished in the Lok Sabha elections. This time the people will give them harsh punishment in the upcoming elections too, be it in Maharashtra or Haryana. #MaharashtraAssemblyPolls pic.twitter.com/ye9LTecP3e
— ANI (@ANI) October 17, 2019
उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज ने राष्ट्ररक्षा के लिए एक सशक्त सेना को प्राथमिकता दी. उन्होंने एक सशक्त नौसेना का निर्माण किया था. बीते 5 वर्षों में हमारी सरकार ने भारत की सेना को दुनिया की ताकतवर सेनाओं की श्रेणी में खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्र रक्षा, राष्ट्र के एकीकरण के लिए महायुती की सरकार ने ऐसे फैसले लिए हैं, जिनके लिए पहले हिम्मत नहीं दिखाई गई थी. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि आज महाराष्ट्र में जो हमारे विरोध में खड़े हैं, उन्होंने राष्ट्ररक्षा के लिए उठाए गए हर कदम का विरोध किया.
पीएम मोदी ने कहा कि जब ये राफेल जैसे आधुनिक जहाज को लेकर अपप्रचार करते हैं तो मुझे विश्वास है इस राष्ट्रभक्ति की धरती को पीड़ा होती है. जब ये आर्टिकल-370 को लेकर अफवाहें फैलाते हैं, तब पूरा सातारा निराश होता है. जब वीर सावरकर जैसे राष्ट्रनायकों को ये बदनाम करने का प्रयास करते हैं, तब सातारा का पारा सातवें आसमान पर चढ़ जाता है.