महाराष्ट्र: 50-50 फॉर्मूले के तहत ढाई साल के लिए सीएम पद पर अड़ी शिवसेना, बीजेपी से मांगा लिखित में आश्वासन

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने के बाद शिवसेना अब 50-50 फॉर्मूले पर अड़ गई है. दरअसल, शिवसेना नेता प्रताप सरनाईक ने शनिवार को कहा कि हमारी बैठक में यह फैसला लिया गया कि जैसे अमित शाह ने लोकसभा चुनावों से पहले 50-50 फॉर्मूले का वादा किया था, उसी तरह दोनों सहयोगी दलों को ढाई-ढाई साल तक सरकार चलाने का मौका मिलना चाहिए.

उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस (Photo Credits: Twitter)

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019  के नतीजे (Maharashtra Assembly Election Results 2019) आने के बाद शिवसेना (Shiv Sena) अब 50-50 फॉर्मूले पर अड़ गई है. दरअसल, शिवसेना नेता प्रताप सरनाईक (Pratap Sarnaik) ने शनिवार को कहा कि हमारी बैठक में यह फैसला लिया गया कि जैसे अमित शाह (Amit Shah) ने लोकसभा चुनावों से पहले 50-50 फॉर्मूले का वादा किया था, उसी तरह दोनों सहयोगी दलों को ढाई-ढाई साल तक सरकार चलाने का मौका मिलना चाहिए, इसलिए मुख्यमंत्री शिवसेना का भी होना चाहिए. उद्धव ठाकरे को बीजेपी से लिखित आश्वासन मिलना चाहिए. वहीं, मुंबई (Mumbai) में उद्धव ठाकरे के घर 'मातोश्री' के बाहर पोस्टर नजर आया जिसमें लिखा है 'CM Maharashtra only Aditya Thackeray'.

उधर, शिवसेना के इस बयान के बाद कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वाडेत्तिवार ने कहा कि अब गेंद बीजेपी के पाले में है. उन्होंने कहा कि यह शिवसेना को तय करना है कि उन्हें 5 साल के लिए मुख्यमंत्री पद चाहिए या फिर ढाई साल के सीएम बनने की मांग पर बीजेपी की प्रतिक्रिया का इंतजार करना है. यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे: बीजेपी की सीटें हुई कम तो आक्रामक हुई शिवसेना, सीएम समेत ये कर सकती हैं मांग.

उधर, महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने शनिवार कहा कि पार्टी ने 30 अक्टूबर को विधान भवन में पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलाई है. इस दौरान विधायक दल का नेता चुना जाएगा. सभी 105 विधायक बैठक में उपस्थित रहेंगे.

गौरतलब है कि आदित्य ठाकर ने मुंबई के वर्ली विधानसभा सीट से चुनाव जीता है. शिवसेना उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है. महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं, कांग्रेस के खाते में 44 तो एनसीपी के खाते में 54 सीटें गई हैं.

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