कांग्रेस को समर्थन दे रही BSP विधायक रामबाई सिंह का कमलनाथ सरकार पर हमला, कहा- जब मुझे ही इस सरकार से न्याय नहीं मिला, तो..
मध्यप्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार को समर्थन दे रही पथरिया की बसपा विधायक रामबाई सिंह ने मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को सरकार पर हमला करते हुए कहा कि एक विधायक होने के नाते जब उन्हें ही इस सरकार से न्याय नहीं मिला, तो आम जनता को क्या न्याय मिलेगा?
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की कमलनाथ (Kamal Nath) के नेतृत्व वाली कांग्रेस (Congress) नीत सरकार को समर्थन दे रही पथरिया की बसपा (BSP) विधायक रामबाई सिंह (Rambai Singh) ने मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को सरकार पर हमला करते हुए कहा कि एक विधायक होने के नाते जब उन्हें ही इस सरकार से न्याय नहीं मिला, तो आम जनता को क्या न्याय मिलेगा? मालूम हो कि 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए बसपा के पूर्व नेता देवेन्द्र चौरसिया (54) की 15 मार्च को दमोह जिले के हटा कस्बे में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में बसपा विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह सहित 28 लोग जेल में बंद हैं. इसी को लेकर रामबाई ने यह टिप्पणी की है. सदन में शून्यकाल के दौरान रामबाई ने कहा, ‘‘हमारे दमोह जिले में एक चौरसिया परिवार के साथ एक गंभीर घटना हुई थी और उसमें हमारे निर्दोष परिवार को फंसाया गया. आपकी सरकार में मैं शामिल हूं, इसके बावजूद भी मुझे कोई न्याय नहीं मिला.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में मेरे परिवार के 28 लोगों लोगों को जेल में बंद कर दिया गया.’’ रामबाई ने कहा, ‘‘एक विधायक होने के नाते जब मुझे न्याय नहीं मिला, तो आम जनता को क्या न्याय मिलेगा?’’ इस पर सदन में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों ने ‘शर्म करो, शर्म करो’ के नारे लगाये. रामबाई द्वारा उठाये गये इस मुद्दे पर भाजपा सदस्य नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सदन की माननीय सदस्य का विषय है. इसमें आपकी (अध्यक्ष) व्यवस्था होनी चाहिए. वह सम्मानित सदस्य हैं. उनके परिवार के 28 लोग जेल में हैं. कोई तो व्यवस्था आपकी ओर से आना चाहिए. आपने अनुमति दी है, तब ही उन्होंने अपनी बात रखी है. इस पर अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कहा कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है. जब मामला अदालत के विचाराधीन होता है तो चर्चा नहीं होती है.
तब, मिश्रा कहा,‘‘ मैं अदालत के विचाराधीन मामले की बात नहीं कर रहा हूं. मैं रामबाई सिंह की बात कर रहा हूं.’’ इसके बाद रामबाई ने कहा कि अगर उनकी बात अनसुनी कर दी जाएगी, तो वे लोग न्याय मांगने के लिए कहां जाएंगे? इस पर अध्यक्ष ने कहा,‘‘ मैंने सुन लिया है. व्यवस्था मांगी, व्यवस्था दे दी.’’ अध्यक्ष के उत्तर से नाराज होकर रामबाई ने कहा, ‘‘अध्यक्षजी यदि आपके बस का नहीं है, तो सीबीआई जांच कराने के निर्देश दीजिए. सीबीआई जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा, पर मुझे न्याय दीजिए. अगर मुझे न्याय नहीं मिलेगा, तो मैं कहां जाऊंगी.’’ यह भी पढ़ें- मध्यप्रदेश: कांवड़ मार्ग पर दिन में माल ढुलाई वाले वाहनों पर प्रतिबंध, सीएम कमलनाथ ने जारी किए आदेश
इस पर अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आप (संबंधित) मंत्रीजी से बात कर लीजिये.आसंदी ऐसे निर्देश जारी नहीं करती है. आप समझने की कोशिश करिये. मामला अदालत में विचाराधीन है. इस पर मैं चर्चा की अनुमति भी नहीं दे सकता.’’ बाद में रामबाई ने विधानसभा परिसर में मीडिया को बताया, ‘‘नाराजगी तो मेरी एक ही है कि मेरे परिवार के ऊपर झूठा केस लगाया गया. 28 लोगों को फंसाया गया. इसी की नाराजगी है. लेकिन ऐसी नाराजगी नहीं कि मैं कमलनाथ जी को समर्थन देना छोड़ दूं.’’