नागपुर: केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह राजनीतिक फायदे के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी का सम्मान किया जाना चाहिए. लोकसभा चुनाव से पहले गडकरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में गांधी की ‘न्यूनतम आय योजना’ (NYAY) पर भी हमला बोला जिसके तहत देश के 20 प्रतिशत गरीबों को प्रति वर्ष 72,000 रुपए देने का प्रावधान है. उन्होंने इसे वोट हासिल करने का एक "लोकलुभावन नारा और राजनीतिक रणनीति’’ करार दिया. लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को दरकिनार करने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए गडकरी ने कहा कि पार्टी ने उन्हें बहुत सम्मान दिया और उनसे मार्गदर्शन एवं प्रेरणा ली है.
उन्होंने कहा कि अडवाणी और बीजेपी के विचार एक-दूसरे से अलग नहीं हैं और इस बात को तोड़-मरोड़ कर पेश करना कि भगवा दल विपक्ष को राष्ट्र विरोधी की तरह देखता है...यह गलत है. गडकरी ने कहा, ‘‘वह जिस तरह प्रधानमंत्री के बारे में बात करते हैं वह सही नहीं है. प्रधानमंत्री किसी पार्टी के नहीं बल्कि देश के हैं और इस देश के हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री की तरह देखे और उनका सम्मान करे. राहुल गांधी दुर्भाग्यवश उनके खिलाफ काफी गलत भाषा का इस्तेमाल करते हैं.’’
गांधी की न्याय योजना की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि इसके क्रियान्वयन के लिए 3,50,000 करोड़ रुपए चाहिए होंगे. गडकरी ने सवाल किया, ‘‘वह धन कहा से लाएंगे? और यदि वह इस धन का उपयोग कर रहे हैं, तो वह कृषि जैसे अन्य क्षेत्रों के लिए बजट का प्रावधान कैसे करेंगे?’’ उन्होंने कहा कि समय की मांग बेहतर रोजगार क्षमता, विकास दर एवं प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के लिए अच्छी नीतियां बनाना है.
उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि, अगर लोकलुभावन नारे राजनीतिक लक्ष्य के लिए बनाए गए हैं तो इससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. कांग्रेस की साख अच्छी नहीं है.’’ गडकरी ने कहा कि 1947 से कांग्रेस ‘‘गरीबी हटाओ’’ का नारा लगा रही है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, ‘‘फिर 40 सूत्री योजना, 20 सूत्री योजना...पांच सूत्री योजना, लेकिन किसी से बात नहीं बनी. यह केवल राजनीति रणनीति और गरीबों से वोट लेने के लिए एक राजनीतिक घोषणा है.’’
लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने के विपक्ष के आरोप पर उन्होंने कहा कि वे पार्टी की प्ररेणा हैं. गडकरी ने कहा, ‘‘हर पार्टी में, प्राकृतिक तौर पर एक उम्र के बाद, सब को सेवानिवृत्त होना होता है. अडवाणी जी और जोशी जी के लिए हमारे मन में अपार आदर-सम्मान है। वे अब भी हमारे मार्गदर्शक, दार्शनिक, प्रेरणा स्रोत हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हर जगह मीडिया, कॉर्पोरेट्स, फिल्म उद्योग में हर किसी के लिए एक आयु सीमा है, उसी के आधार पर पार्टी ने निर्णय लिया है.’’ पिछले सप्ताह एक ब्लॉग पोस्ट में आडवाणी ने कहा था कि राजनीति रूप से असहमत लोगों को पार्टी ने कभी भी ‘राष्ट्र विरोधी’ या ‘दुश्मन’ के रूप में नहीं देखा बल्कि हमेशा उन्हें प्रतिद्वंद्वी मानती रही है.
अडवाणी के ब्लॉग पर बात करते हुए गडकरी ने कहा, ‘‘ हम सब अडवाणी जी द्वारा लिखे ब्लॉग पर उनसे सहमत हैं. मोदी जी भी उनके साथ हैं. हालांकि किसी बयान को इस्तेमाल कर उसे गलत तरीके से पेश करना, कि हम विपक्ष को राष्ट्र विरोधी मानते हैं...यह गलत है.’’ गडकरी ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों का उद्देश्य रोजगार की अधिक संभावनाएं पैदा करना है. उन्होंने कहा कि रोजगार पैदा करने के लिए मजबूत नीतियां बनाई गई हैं, हालांकि इसमें समय लग सकता है, लेकिन इसके मजबूत सकारात्मक परिणाम होंगे.