मिशन 2019: दक्षिण भारत के चक्रव्यूह को कैसे तोड़ेंगे अमित शाह?

देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी उत्तर भारत में होने वाले नुकसान की भरपाई कहां से करती हैं और अमित शाह मोदी को दुबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए क्या रणनीति अपनाते हैं.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Photo: PTI)

छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मणिपुर के चुनाव संपन्न हो गए हैं. अब देश में 2019 आम चुनावों को लेकर माहौल बनना शुरू हो गया है. अप्रैल-मई 2019 में सत्तरवीं लोकसभा का गठन करने के लिए आम चुनाव होने वाले हैं और इन चुनावों को लेकर बीजेपी, कांग्रेस समेत देश के सभी सियासी दल अगले साल होने वाले चुनावी दंगल के लिए तैयारी में जुट गए हैं. वैसे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुए आम चुनावों मी बीजेपी को मिली हार से पार्टी की चिंता बढ गई हैं. हिंदी बेल्ट में मिली इस शिकस्त के बाद बीजेपी के आला नेता नए सिरे से रणनीति बनाने में जुट गए हैं.

वैसे, उत्तर भारत में हो रहे सीटों के नुकसान की भरपाई दक्षिण भारत से करने की योजना बना रही है मगर वहां भी उनकी राह आसान नहीं हैं. आइये एक नजर डाल लेते हैं दक्षिण के चुनावी समीकरण पर.

तमिलनाडू:

तमिलनाडू में बीजेपी सत्ताधारी पार्टी एआईएडीएमके से गठबंधन कर सकती हैं मगर इसका कितना फायदा होगा वो तो वक्त ही बताएगा. जयललिता के निधन के पश्चात एआईएडीएमके दो धडों में बट गई हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने डीएमके से गठबंधन कर लिया हैं और ऐसा माना जा रहा हैं कि इन आम चुनावों में स्टालिन की पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं.

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कर्नाटक:

इसी साल मई में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हुए थे. इन चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी मगर पार्टी सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा हासिल नहीं कर सकी थी. कांग्रेस ने जेडीएस को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी को सत्ता से दूर रखा था. इन चुनावों के बाद हुए उपचुनावों में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन ने 5 में से 4 सीटों पर कब्जा किया था. 2019 आम चुनावों में भी इन दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन होना लगभग तय हैं ऐसे में बीजेपी को जीत दर्ज करने के लिए एडी चोटी का जोर लगाना होगा.

आंध्र प्रदेश:

2014 आम चुनावों के दौरान बीजेपी ने आंध्र प्रदेश के सत्तारूढ़ दल टीडीपी से गठबंधन किया था मगर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने पर पार्टी ने केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. टीडीपी और कांग्रेस का गठबंधन होना लगभग तय माना जा रहा है. बीजेपी आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस से गठबंधन कर सकती है. सूबे में मौजूदा सियासी स्थिति को देखते हुए अगले आम चुनावों में जनता किसका साथ देगी ये अनुमान अभी नहीं लगाया जा सकता.

तेलंगाना:

हाल ही में संपन्न हुए तेलंगाना विधानसभा चुनावों में में तो केसीआर की आंधी के आगे सभी ढेर हो गए. बीजेपी का तो यहां सबसे बुरा हाल हुआ. पार्टी केवल 1 सीट जीतने में कामयाब हुई. 2019 आम चुनावों में बीजेपी विधानसभा चुनावों के प्रदर्शन के बाद को गठबंधन सहयोगी मिलना बहुत कठिन है.

बहरहाल, देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी उत्तर भारत में होने वाले नुकसान की भरपाई कहां से करती हैं और अमित शाह मोदी को दुबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए क्या रणनीति अपनाते हैं.

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