लोकसभा चुनाव 2019: जनता के दिलों पर राज करने वाले ये 4 दिग्गज नेता इस बार नहीं लड़ेंगे चुनाव
लेकिन चुनावी बिगुल बजते ही सभी राजनीतिक दल लोकतंत्र के महासमर में उतरने को तैयार हैं. महासमर के महारथियों के नामों की अब तक घोषणा तो नहीं हुई है. लेकिन पार्टियों में आने और जाने का सिलसिला अब शुरू होने लगा है
लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. लेकिन चुनावी बिगुल बजते ही सभी राजनीतिक दल लोकतंत्र के महासमर में उतरने को तैयार हैं. महासमर के महारथियों के नामों की अब तक घोषणा तो नहीं हुई है. लेकिन पार्टियों में आने और जाने का सिलसिला अब शुरू होने लगा है. इस बार के चुनाव में कई ऐसे भी चेहरें हैं जो मैदान में नजर नहीं आएंगे. जिनमे राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) प्रमुख शरद पवार, LJP के मुखिया रामविलास पासवान और बीजेपी की दिग्गज सुषमा स्वराज, उमा भारती का नाम शमिल है.
शरद पवार:- देश की राजनीति में शरद पवार (Sharad Pawar) का काफी बड़ा है. उन्हें चाणक्य के तौर पर माना जाता है. शरद पवार 14 बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. शरद पवार पहले कांग्रेस में शामिल थे लेकिन साल 1999 में उन्होंने कांग्रेस की राह को छोड़ राष्ट्रवादी कांग्रेस की स्थापना की. लेकिन इस बार शरद पवार ने 2019 लोकसभा चुनाव की दौड़ से बाहर रहने की घोषणा की, वहीं पार्टी उनके भतीजे अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार को मेवाल संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है.
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सुषमा स्वराज:- भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार में की सबसे तेज तर्रार नेता के रूप में अपनी छवि कायम करने वाली केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ( Sushma Swaraj )ने आगामी 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया. सुषमा स्वराज ने 1970 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ राजनीति कदम रखा था. इस दौरान जयप्रकाश आंदोलन में हिस्सा भी लिया. वहीं साल 1975 में स्वराज कौशल के साथ सुषमा की शादी हुई. सुषमा स्वराज के नाम 1977 में चौधरी देवीलाल की कैबिनेट में 25 वर्ष की उम्र में ही राज्य की कैबिनेट मंत्री बनने का रिकॉर्ड दर्ज है. 27 साल की उम्र में वे जनता पार्टी (हरियाणा) की प्रमुख भी बनी थीं.
लेकिन अब सुषमा ने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया, उन्होंने कहा था कि डॉक्टरों ने उन्हें इन्फेक्शन के चलते धूल से दूर रहने की हिदायत दी है.
उमा भारती:- सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) के बाद बीजेपी की फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने ऐलान किया है कि वो अब लोकसभा चुनाव (Election) नहीं लड़ेंगी. उमा भारती 1989 में पहली बार खजुराहो सीट से लोकसभा सदस्य चुनी गईं थी. बता दें कि केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा था, कि भोपाल में ऐलान किया. उन्होंने कहा वो राजनीति तो जिंदगी भर करेंगी लेकिन अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहतीं. उमा भारती ने कहा उनका सपना है कि अयोध्या में राम मंदिर बने. इसी काम में वो अपना वक्त देना चाहती हैं. बता दें कि उमा भारती उत्तर प्रदेश में झांसी से सांसद हैं. लेकिन वे पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करती रहेंगी.
राम विलास पासवान:- लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक हैं. राम विलास पासवान ( Ram Vilas Paswan) ने इस बार लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. राम विलास पासवान पहली बार 1969 में विधायक बने. इसके बाद 1977 में वे पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. इसके साथ ही वे आठ बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सांसद चुने गए. बता दें कि इसी जनवरी में उन्होंने चुनाव न लड़ने की बात कही थी. फिलहाल इसके पीछे क्या कारण था.