लोकसभा चुनाव 2019 नतीजे: क्या लालू की अनुपस्थिति के कारण बिहार में फेल हुआ महागठबंधन का फॉर्मूला, हार के बाद RJD नेता तेजस्वी यादव ने कही ये बात

यह पहला चुनाव है जिसमें लालू प्रसाद यादव की गैर मौजूदगी में उनके बेटे तेजस्वी यादव पार्टी की कमान संभाल रहे थे, लेकिन चुनाव के परिणाम में वो अपना कोई कमाल नहीं दिखा पाए.

तेजस्वी यादव (Photo Credit- IANS)

उत्तर प्रदेश की तरह ही बिहार (Bihar) में भी महागठबंधन का फॉर्मूला पूरी तरह से फेल हो गया है. लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019 Results) के रुझानों में बिहार की 40 सीटों में से 38 सीटों पर बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीएन (NDA) बाजी मारती दिखाई दे रही है, जबकि महागठबंधन महज 2 सिटों पर ही सिमटती दिखाई दे रही है. इस बार बिहार का मुकाबला इसलिए बेहद दिलचस्प है, क्योंकि राज्य के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है, तो वहीं राष्ट्रीय जनता दल  (आरजेडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के जेल में होने के कारण उनके बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सियासत की बागडोर संभालते हुए कांग्रेस, आरएलएसपी और हम जैसी पार्टी के साथ महागठबंधन में चुनाव लड़ा.

लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी की सुनामी में बिहार के कद्दावर नेता लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी तिनके की तरह बह गई. यह पहला चुनाव है जिसमें लालू प्रसाद यादव की गैर मौजूदगी में उनके बेटे तेजस्वी यादव पार्टी की कमान संभाल रहे थे, लेकिन चुनाव के परिणाम में वो अपना कोई कमाल नहीं दिखा पाए.

अपनी हार को स्वीकार करते हुए तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि 'हम अपने कार्यकर्ताओं व महागठबंधन के सभी साथियों को हार्दिक धन्यवाद और बधाई देते है कि उन्होंने डटकर लड़ाई लड़ी. हम हार-जीत के कारणों का विश्लेषण कर गांधी, जेपी, लोहिया और जननायक कर्पूरी ठाकुर के विचारों पर अडिग रहते हुए साथ मिलकर बड़ी लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे.'

हार के बाद तेजस्वी यादव ने किया ट्वीट- 

बता दें कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों के लिए 7 चरणों में मतदान संपन्न कराए गए थे. जो इस प्रकार हैं.

पहला चरण- (11 अप्रैल 2019) जमुई, औरंगाबाद, गया और नवादा.

दूसरा चरण- (18 अप्रैल 2019) बांका, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया और भागलपुर.

तीसरा चरण- (23 अप्रैल 2019) खगड़िया, झंझारपुर, सुपौल, अररिया और मधेपुरा.

चौथा चरण- (29 अप्रैल 2019) दरभंगा, उजियारपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय और मुंगेर.

पांचवा चरण- (6 मई 2019) मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारन, हाजीपुर और सीतामढ़ी.

छठा चरण- (12 मई 2019) पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, वैशाली, गोपालगंज, सिवान, महाराजगंज और वाल्मीकिनगर.

सातवां चरण- (19 मई 2019) नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकट और जहानाबाद. यह भी पढ़ें: बिहार लोकसभा चुनाव नतीजे 2019: नीतीश-पासवान का मिला साथ तो पीएम मोदी ने महागठबंधन को कर दिया साफ

बहरहाल, बिहार में चुनाव के इस नतीजे से साफ पता चलता है कि लालू प्रसाद यादव की गैर मौजूदगी का खामियाजा सिर्फ आरजेडी को ही नहीं, बल्कि महागठबंधन को भी भुगतना पड़ा है. दरअसल, लालू प्रसाद यादव एक ऐसे करिश्माई नेता हैं जिनका जादू सिर चढ़कर बोलता रहा है.

बता दें कि साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने जेडीयू और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था और 243 विधानसभा सीटों में से 178 सीटों पर कब्जा जमाया था. इनमें आरजेडी को 80 सीटें मिली थीं, जबकि एनडीए 58 सीटों पर सिमट गई थी. वहीं साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद आरजेडी 4 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही थी. फिलहाल लालू चारा घोटाला मामले में रांची के जेल में सजा काट रहे हैं.

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