नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election) में करारी शिकस्त मिलने के बाद विपक्षी खेमों में हड़कंप मचा है. एक तरफ जहां कांग्रेस (Congress) में इस्तीफों की झड़ी लग गई है तो वहीं देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सिर्फ 5 सीटों पर सिमटने वाली समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) भी अब एक्शन लेने को पूरी तरह तैयार है. इसी कड़ी में सोमवार को समाजवादी पार्टी ने चुनावी हार पर मंथन किया. जिसमें सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने पार्टी पदाधिकारियों को लापरवाही, जनता की नब्ज पकड़ने में नाकाम रहने के लिए खूब लताड़ लगाई. इस बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) समेत पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हुए.
खबर आ रही है कि अखिलेश (Akhilesh Yadav) भी अब पिता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के क़दमों पर चलेंगे और संगठन में जमीन से जुड़े नेताओं को तरजीह दी जाएगी. इसके साथ ही अखिलेश यादव ने पार्टी के सभी पदाधिकारियों से बात कर हार के कारणों की पूरी रिपोर्ट मांगी है. पदाधिकारियों को लताड़ लगाने के बाद मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव से भी अलग से बात की. यह भी पढ़े-एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा- कार्यकर्ता 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू करें
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन में जमीन से जुड़े नेताओं को तवज्जो देंगे. इसको लेकर जल्द ही अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक करेंगे.
बताया जा रहा है कि हार से खफा अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पार्टी के यूथ विंग में कुछ नेताओं की छुट्टी कर सकते हैं. जल्द ही नए प्रभारियों, संगठन अधिकारियों को नियुक्त किया जा सकता है. अखिलेश (Akhilesh Yadav) ने हाल ही में अपनी पार्टी के प्रवक्ताओं के पैनल को बर्खास्त कर दिया था और किसी भी टीवी डिबेट्स में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी थी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में इस बार समाजवादी पार्टी (SP) ने बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. 25 साल की दुश्मनी भुला दोनों पार्टियां साथ आईं लेकिन कोई कमाल नहीं कर सकीं. सपा-बसपा (SP-BSP) मिलाकर सिर्फ 15 सीटें जीत पाईं.