उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट इन दिनों चर्चा में है. यहां से बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटकर उनके बेटे करण भूषण सिंह को मैदान में उतारा है. आइए जानते हैं कौन हैं करण भूषण सिंह और क्या है उनकी पृष्ठभूमि.
कौन हैं करण भूषण सिंह?
- करण भूषण सिंह बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के छोटे बेटे हैं.
- उनका जन्म 13 दिसंबर 1990 को हुआ था. उनकी एक बेटी और एक बेटा है.
- वह डबल ट्रैप शूटिंग में राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं.
- उन्होंने डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से BBA और LLB की डिग्री हासिल की है.
- उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी किया है.
- वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं.
- वह सहकारी ग्राम विकास बैंक (नवाबगंज, गोंडा) के भी अध्यक्ष हैं.
- यह उनका पहला चुनाव है.
परिवार का राजनीतिक इतिहास
- करण भूषण के पिता बृजभूषण शरण सिंह भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं और गोंडा से दो बार, बहराइच से एक बार और कैसरगंज लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं.
- बृजभूषण ने सपा के टिकट पर भी चुनाव लड़ा और जीता था. उन्होंने कैसरगंज सीट से अपना पहला चुनाव सपा के टिकट पर ही जीता था.
- 2008 में बृजभूषण को यूपीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर क्रॉस वोटिंग के आरोप में बीजेपी ने पार्टी से निलंबित कर दिया था. 2009 के चुनाव में उन्होंने सपा के टिकट पर कैसरगंज सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
- 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बृजभूषण बीजेपी में वापस आ गए और कैसरगंज सीट से संसद पहुंचे. 2019 में भी वह बीजेपी के टिकट पर सांसद चुने गए.
- करण भूषण के बड़े भाई प्रतीक भूषण सिंह बीजेपी विधायक हैं.
करण भूषण सिंह का राजनीतिक भविष्य
यह देखना दिलचस्प होगा कि करण भूषण सिंह अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा पाते हैं या नहीं. कैसरगंज सीट पर उनका मुकाबला सपा और बसपा जैसे दलों के उम्मीदवारों से होगा.
कैसरगंज से बसपा ने किसको दिया टिकट
मायावती की अगुवाई वाली बसपा ने कैसरगंज में पुरानी सोशल इंजीनियरिंग पर आगे बढ़ते हुए ब्राह्मण उम्मीदवार दिया है. बसपा ने कैसरगंज सीट से नरेंद्र पाण्डेय को टिकट दिया है. ट्रांसपोर्ट व्यावसायी नरेंद्र पाण्डेय के मुताबिक वह 2004 से ही बसपा से जुड़े हुए हैं और उन्होंने एक दिन पहले ही एक सेट में नॉमिनेशन दाखिल भी कर दिया था. अब वह बतौर बसपा उम्मीदवार नॉमिनेशन करेंगे.
कैसरगंज लोकसभा सीट का जातीय समीकरण
कैसरगंज लोकसभा सीट के जातीय समीकरणों की बात करें तो यह सीट ब्राह्मण बाहुल्य सीट है. कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में अनुमानों के मुताबिक करीब 20 फीसदी ब्राह्मण और 18 फीसदी दलित आबादी है. राजपूत मतदाताओं की तादाद करीब 10 फीसदी है तो वहीं 12 फीसदी यादव, नौ फीसदी निषाद और करीब सात फीसदी कुर्मी मतदाता हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की तादाद भी करीब 18 फीसदी है. बसपा ने जातीय समीकरणों को देखते हुए ही इस बार भी ब्राह्मण उम्मीदवार उतारा है.