नयी दिल्ली, 17 फरवरी: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन को नजरअंदाज करने से जुड़ी शिकायत के संबंध में शनिवार को यहां की एक अदालत में पेश हो सकते हैं. ED ने आबकारी नीति (जो वापस ली जा चुकी है) से जुड़े धन शोधन मामले में केजरीवाल को कई बार समन जारी किये थे, लेकिन वह पेश नहीं हुये जिसके बाद ईडी ने अदालत में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी.
अदालत ने सात फरवरी को अपनी सुनवाई के दौरान केजरीवाल को 17 फरवरी के लिए तलब किया था और कहा था कि प्रथम दृष्टया आप आदमी पार्टी (आप) प्रमुख इसका अनुपालन करने के लिए ‘‘कानूनी रूप से बाध्य’’ हैं.
ईडी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री जानबूझकर समन से बचना चाहते हैं और ‘‘बेवजह के बहाने’’ करते रहते हैं. एजेंसी ने कहा कि अगर उनके जैसा उच्च पदस्थ जन पदाधिकारी कानून की अवज्ञा करता है तो इससे ‘‘आम आदमी के लिए एक गलत उदाहरण स्थापित होगा.’’
न्यायाधीश ने कहा था, ‘‘शिकायत के विषय और रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री से, प्रथम दृष्टया यह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 174 के तहत अपराध बनता है और आरोपी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार हैं... इसके परिणाम स्वरूप, आरोपी अरविंद केजरीवाल को 17 फरवरी 2024 को पेश होने के लिए समन जारी करें.’’
धारा 174 किसी लोक सेवक के आदेश का पालन नहीं करने से संबंधित है. ईडी ने समन का पालन नहीं करने पर केजरीवाल के खिलाफ तीन फरवरी को एक नयी शिकायत दर्ज कराई थी.
‘आप’ संयोजक ने पहले ईडी को पत्र लिखकर उन्हें जारी किए गए समन को ‘‘अवैध और राजनीति से प्रेरित’’ बताया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि समन का उद्देश्य उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोकना है.
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