बेंगलूर: कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर सियासी घमासान जारी है. कांग्रेस- बीजेपी दोनों ही पार्टियां हर विकल्प तलाश रही है.दूसरी तरफ इसी कड़ी में अब कांग्रेस शुक्रवार को सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते गोवा और मणिपुर में राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. इसके साथ ही लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने भी कहा कि वह सबसे बड़ा दल होने के नाते बिहार में सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. यही कारण है कि कांग्रेस ने राष्ट्रपति के सामने इस पुरे मामले को उठाने को फैसला किया है. जानकारी के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कर्नाटक विधायकों को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से शनिवार को मुलाकात करनेवाले है.
वही दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ उस याचिका पर आज फिर से सुनवाई शुरू करनेवाली है जिसमें कांग्रेस-JDS ने राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिए जाने को चुनौती दी है. गौरतलब है कि कल ही कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस नेताओं को पत्र लिखकर व्यापक स्तर पर कर्नाटक के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन की अपील की. जयपुर, मणिपुर, गोवा, बेंगलुरु और भोपाल सहित देश भर में कांग्रेस के कार्यकर्ता कर्नाटक मामले पर प्रदर्शन करेंगे.
उल्हासनगर - देशात कर्नाटक निवडणुकीच्या निमित्ताने जे सुरु आहे ते पाहिल्यावर या देशात लोकशाही ची अवहेलना होते आहे ही असली लोकशाही काय कामाची असे म्हणत राज्यपालप्रमाणे मुख्यमंत्री ही नेमा आणि निवडणुकीत खर्च... https://t.co/R4elbAyGoH
— Uddhav Thackeray (@uddhavthackeray) May 17, 2018
ज्ञात हो कि कर्नाटक चुनाव में बीजेपी 104 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी. जिसे बुधवार को सूबे के गवर्नर वाजूभाई वाला ने सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था. इसके विपरीत कांग्रेस- जेडीएस ने 117 विधायकों का समर्थन का दावा करते हुए अपनी सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने का मौका दिया और 15 दिन में बहुमत साबित करने के लिए कहा. जिसके बाद बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार को सुबह सीएम के रूप में शपथ ली.
दूसरी तरफ कर्नाटक में चल रहे ड्रामा पर एनडीए में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने जमकर निशाना साधा है. शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा कि केन्द्र को राज्यपालों की तरह ही मुख्यमंत्रियों की भी नियुक्ति कर देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र का अनादर किया जा रहा है.
उद्धव यह नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि चुनाव कराना बंद कर देना चाहिए ताकि PM मोदी बिना किसी बाधा के विदेशी दौरे पर जा सकें. ठाकरे ने आगे तंज कसते हुए कहा कि चुनाव क्यों करवाते हैं, सीधे दिल्ली से मुख्यमंत्री नियुक्त कर दीजिए.