हैदराबाद: तेलंगाना सरकार के विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव को राज्यपाल ईएसएल नरसिंहन ने मंजूरी दे दी है. यानी अब राज्य में समय से पहले विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ हो गया है जो अभी तक लोकसभा चुनाव के साथ ही होने थे. राज्यपाल ने केसीआर से कहा है कि जबतक नई सरकार का गठन नहीं हो जाता तब तक आप कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहे. टीआरएस (TRS) की इस मीटिंग के लिए बुधवार से ही अटकलें लगाई जा रही थीं. सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री केसीआर कई कारणों से समयपूर्व चुनाव चाहते हैं. उनका मानना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय मुद्दे गूजेंगे. खुद पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी भी खास फोकस करेंगे. ऐसे में सूबे में नुकसान भी हो सकता है.
इससे पहले कैबिनेट बैठक में विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव पास हो गया है. बैठक के बाद मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि विधानसभा भंग करने का औपचारिक ऐलान दोपहर 2.30 बजे के बाद की जाएगी. यह भी पढ़े-तेलंगाना: मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की विशाल जनसभा, कर सकते हैं विधानसभा भंग करने का ऐलान
Governor ESL Narasimhan approves assembly dissolution as recommended by CM KC Rao. Governor has asked Rao to continue as caretaker Telangana CM till the new government is formed. pic.twitter.com/dflBjTx1U8
— ANI (@ANI) September 6, 2018
अगर ऐसा होता है तो राज्य में जल्द विधानसभा चुनावों की घोषणा हो सकती है. सभी मंत्रियों को 6 सितंबर को होने वाली इस कैबिनेट बैठक में उपस्थित रहने को कहा गया था.
कहा जा रहा है कि विधानसभा भंग करने के लिए 6 सितंबर की तारीख इसलिए चुनी गई है, क्योंकि क्योंकि ये '6' नंबर सीएम केसीआर (KCR) का लकी नंबर है.
कांग्रेस-टीडीपी करेंगी गठबंधन?
दूसरी ओर सूत्रों के अनुसार, यह खबर भी सामने आ रही है कि कांग्रेस और टीडीपी मिलकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में एकसाथ उतर सकती है. इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के बीच चुनावी प्रक्रिया को लेकर आपसी समझ बन चुकी है.
ज्ञात हो कि तेलंगाना में समय से पहले चुनाव कराने की खबरें काफी दिनों से चल रही हैं. मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के नेता कई बार इसके संकेत भी दे चुके हैं. आपको बता दें कि वैसे टीआरएस सरकार का कार्यकाल मई 2019 में खत्म होना है.