दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के जज जस्टिस एस. मुरलीधर (Justice Muralidhar) का ट्रांसफर अब सियासी रंग लेने लगा है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने जस्टिस एस. मुरलीधर के ट्रांसफर पर केंद्र सरकार पर हमला किया है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि जस्टिस मुरलीधर का मौजूदा विवाद के दौरान आधी रात में तबादला चौंकानेवाला नहीं है. लेकिन यह दुखद और शर्मनाकजनक है. सरकार न्याय का मुंह बंद करना चाहती है. लाखों लोगों को कानून के न्याय पर भरोसा है. लेकिन उनका विश्वास तोड़ना उचित नहीं है. स्टिस एस. मुरलीधर का दिल्ली हाईकोर्ट से पंजाब (Punjab and Haryana High Court) और हरियाणा हाई कोर्ट में कर दिया गया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्वीट कर तंज कसते हुए लिखा कि, बहादुर जज लोया को नमन, जिनका ट्रांसफर नहीं किया गया था. वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि दिल्ली HC के जस्टिस एस. मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह ने दंगा भड़काने में बीजेपी के नेताओं की भूमिका पहचान कर उनके खिलाफ FIR दर्ज़ करने और दिल्ली पुलिस को संविधान और कानून के अनुरूप कार्रवाई करने के भी आदेश दिए थे पर हुआ ये. यह भी पढ़ें:- दिल्ली हिंसा: अब तक 30 लोगों की मौत, हाईकोर्ट में आज सुनवाई; भड़काऊ बयानों पर पुलिस देगी जवाब
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा:-
Remembering the brave Judge Loya, who wasn’t transferred.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 27, 2020
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा:-
The midnight transfer of Justice Muralidhar isn’t shocking given the current dispensation, but it is certianly sad & shameful.
Millions of Indians have faith in a resilient & upright judiciary, the government’s attempts to muzzle justice & break their faith are deplorable. pic.twitter.com/KKt4IeAMyv
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 27, 2020
रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा:-
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला: "रातों रात आनन फानन में न्याय मंत्रालय ने भाजपा नेताओं को बचाने के लिए जस्टिस एस. मुरलीधर का दिल्ली HC से तबादला ही कर दिया।" https://t.co/lC435zbGIf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 27, 2020
गौरतलब हो कि सुनवाई के दौरान जस्टिस एस. मुरलीधर (Justice S Murlidhar ) ने पुलिस को फटकार लगाई थी. जस्टिस मुरीधर ने सुनवाई के दौरान नफरत फैलाने वाले भाषणों को लेकर तीन बीजेपी नेताओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस के प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर नाराजगी जताई थी. इस दौरान कोर्ट में बीजेपी नेताओं का वीडियो देखा गया था. हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि दिल्ली में दूसरे '1984' को नहीं होने देंगे.