एक्शन मोड में आए JDU अध्यक्ष आरसीपी सिंह, चेतावनी देते हुए कहा- चुनाव में भीतरघात करने वालों से निपटा जाएगा

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में 'छोटा भाई' बनने के बाद पार्टी के नए अध्यक्ष आर सी पी सिंह अब 'एक्शन' में नजर आ रहे हैं. सिंह जहां लगातार पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं, वहीं चुनाव में मिली कम सीटों को लेकर भी समीक्षा की जा रही है.

जेडीयू नए राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे आरसीपी सिंह (Photo Credits: Twitter)

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance)  (राजग) में 'छोटा भाई' बनने के बाद पार्टी के नए अध्यक्ष आर सी पी सिंह (Ramchandra Prasad Singh) अब 'एक्शन' में नजर आ रहे हैं. सिंह जहां लगातार पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं, वहीं चुनाव में मिली कम सीटों को लेकर भी समीक्षा की जा रही है. पार्टी का मानना है कि विरोधियों के अलावे अपनों के भीतरघात के कारण जदयू को कम सीटें आई है, ऐसे में अध्यक्ष अब एक्शन के मूड में हैं.

जदयू के अध्यक्ष आर सी पी सिंह कहते हैं कि पार्टी ने तय किया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के जिन लोगों की सक्रियता नहीं दिखी या फिर वैसे लोग जिन्होंने दल व गठबंधन के खिलाफ काम किया, उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि पार्टी विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार समीक्षा कर रही है. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही संगठन का नया स्वरूप व नया तेवर दिखेगा. जदयू पहले से अधिक ताकतवर होकर सामने आएगा. उन्होंने कहा कि यह निर्देश दिया गया है कि हर स्तर पर संगठन के लिए कार्यक्रमों की सूची तैयार की जाए. उन्होंने कहा कि संगठन में उर्जावान लोगों को नई जिम्मेदारी देकर आगे किया जाएगा. यह भी पढ़े: जदयू ने एमएलसी दिनेश कुमार सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर निलंबित किया 

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर जदयू में जिला, प्रखंड, पंचायत और बूथस्तर पर कई दौर की समीक्षा हुई और सभी जिलों की रिपोर्ट अध्यक्ष को सौंपी गई है. इस रिपोर्ट की समीक्षा के बाद तय माना जा रहा है कि जदयू में जहां भीतरघातियों पर गाज गिरेगी, वहीं उजार्वान नेताओं को उंचे पद देकर पुरस्कृत किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में जदयू को मात्र 43 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था.

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