श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है, जिससे पीडीपी के सरकार बनाने के मंसूबों पर पानी फिर गया है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग कर दी है. अब राज्य में नए सिरे से चुनाव होंगे. विधानसभा भंग होने से पहले करीब आधे घंटे के भीतर राज्य के दो दलों ने अपनी सरकार बनाने का दावा किया था. पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को भेजी चिट्ठी में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के समर्थन की बात कही.महबूबा ने कहा था कि उनके साथ 56 विधायक हैं.
महबूबा के दावे के 15 मिनट बाद ही पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के लीडर सज्जाद लोन ने भी राज्यपाल को चिट्ठी भेजने की बात कही. सज्जाद ने कहा कि बीजेपी के सभी विधायकों के अलावा 18 से ज्यादा अन्य विधायकों का समर्थन हमारे साथ है. ये संख्या बहुमत से ज्यादा है.
Jammu and Kashmir Governor Satya Pal Malik has passed an order dissolving the state Legislative Assembly. pic.twitter.com/TirFfZfTCs
— ANI (@ANI) November 21, 2018
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने की विधानसभा भंग
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने धारा 53 के तहत विधानसभा भंग करने का आदेश दिया. इससे पहले पीडीपी ने एनसी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इसके साथ ही पीडीपी में बगावत की खबरें आने लगीं. कुछ विधायकों ने गठबंधन सरकार बनाने का विरोध किया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विधानसभा भंग करने से पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार को जम्मू कश्मीर की हालत बताई. इस बाबत केंद्र मंत्रालय को रिपोर्ट भी भेजी गई है.
महबूबा मुफ्ती ने इस तरह विधानसभा भंग किए जाने से नाराज होकर मीडिया से कहा 'विधानसभा भंग किया जाना काफी दुखद है. राज्यपाल को पहले सभी संभावनाएं तलाशनी चाहिए थी. सिद्धांत के तौर पर उन्हें सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करना चाहिए था. सज्जाद लोन अगर 18 विधायकों के समर्थन की बात करते हैं, इसका मतलब है कि खरीद-फरोख्त की जा रही है.' महबूबा कहा कि सरकार बनाने का उनका दावा वैध था लेकिन विधानसभा भंग कर दी गई.
उमर अब्दुल्ला ने कहा यह संयोग नहीं
एनसी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में लिखा कि 'इसे संयोग नहीं मान सकते कि इधर महबूबा मुफ्ती सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रही थीं और उधर राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी.'
JKNC has been pressing for assembly dissolution for 5 months now. It can’t be a coincidence that within minutes of Mehbooba Mufti Sahiba letter staking claim the order to dissolve the assembly suddenly appears.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 21, 2018
विधानसभा भंग किए जाने के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रो. सैफुद्दीन सोज ने तीखी टिप्पणी की. एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'केंद्र के इशारे पर राज्यपाल ने जो काम किया है, उसके खिलाफ महबूबा मुफ्ती को कोर्ट जाना चाहिए. विधानसभा भंग करना अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है. महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को चिट्ठी तभी लिखी जब उन्हें एनसी और कांग्रेस ने समर्थन देने की बात कही. ऐसे में राज्यपाल को महबूबा मुफ्ती को एक मौका देना चाहिए.'
I said this afternoon also that it's a suggestion & no final decision has been taken yet (on PDP-NC-Congress alliance). BJP dissolved the assembly even though only a proposal was made: Ghulam Nabi Azad, Congress on #JammuAndKashmir Governor dissolves J&K Legislative Assembly. pic.twitter.com/MUveg301gI
— ANI (@ANI) November 21, 2018
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अभी पार्टियों में बात भी नहीं हुई थी और विधायकों की बैठक बुलाई गई थी लेकिन बीजेपी नहीं चाहती जम्मू कश्मीर में कोई सरकार बने. आजाद ने कहा कि बीजेपी का तानाशाही रवैया फिर सामने आया है. अफवाहों से बीजेपी डर गई और विधानसभा भंग कर दी गई. आजाद ने कहा कि हम प्रदेश में चुनाव चाहते हैं.
महबूबा ने चिट्ठी में किया था सरकार बनाने का दावा
महबूबा ने चिट्ठी में राज्यपाल को लिखा- आप जानते हैं कि पीडीपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है. हमारे पास 29 विधायकों की ताकत है. आपको मीडिया के जरिए पता लगा होगा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस भी सरकार बनाने में हमारा समर्थन करने की इच्छा रखती हैं.
Former J&K CM and President of PDP Mehbooba Mufti writes to J&K Governor Satya Pal Malik to stake the claim for forming govt in the state. The letter reads, "You might have gathered from media reports that Congress and NC have decided to extend support to our party to form govt." pic.twitter.com/F7coNfKO44
— ANI (@ANI) November 21, 2018
नेशनल कॉन्फ्रेंस के 15 और कांग्रेस के 12 विधायक हैं. सभी मिलकर हमारी संख्या 56 हो जाती है. मैं अभी श्रीनगर में हूं और मेरे लिए आपसे अभी मुलाकात संभव नहीं है. इस पत्र के जरिए हम आपको ये सूचित कर रहे हैं कि हम सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए जल्द ही आपसे मिलना चाहते हैं.