सर्वदलीय बैठक में राजनीति से ऊपर उठकर नेताओं ने कहीं दिल की बात, चीन को सबक सिखाने के लिए पीएम मोदी का किया समर्थन
पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुए टकराव के बाद के हालात की चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस वर्चुअल बैठक 20 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया.
दिल्ली: पूर्वी लद्दाख (Ladakh) के गलवान घाटी (Galvan Valley) में चीनी (China) सेना के साथ हुए टकराव के बाद के हालात की चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सर्वदलीय बैठक (All-Party Meet) की. पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस वर्चुअल बैठक 20 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया. भारत-चीन सीमा स्थिति पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने आश्वस्त किया कि भारतीय सेना सभी सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह से सक्षम है. सेना को उचित कदम उठाने की छूट दी है. उन्होंने कहा कि भारत शांति और दोस्ती चाहता है, लेकिन देश की संप्रभुता सर्वोपरि है और उससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा चीन के दुस्साहस से पूरा देश आहत हुआ हैं.
सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने मोदी सरकार का समर्थन किया और चीन की हरकत का माकूल जवाब देने पर जोर दिया. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद केंद्र सरकार पर कई सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि हम अब भी इस विवाद के कई अहम पहलुओं को लेकर अंधेरे में है. साथ ही उन्होंने इंटेलिजेंस फेलियर की भी बात कही. हालांकि सरकार ने इसे नकार दिया. ना कोई हमारे क्षेत्र में घुसा, ना किसी चौकी पर कब्जा किया : मोदी
बैठक में शामिल एनसीपी प्रमुख और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि सैनिकों ने हथियार उठाए हैं या नहीं इसका फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों से होता है. हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है.
सीपीआई के डी राजा (D Raja) ने कहा हमें अमेरिका द्वारा उनके गठबंधन से जोड़ने के प्रयासों का विरोध करने की आवश्यकता है जबकि सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियो की 6 जून की वार्ता के अनुसारव्यवहार होना चाहिये. दोनो देश ऐसा कुछ नहीं करे जिससे मामला और बिगड़े. उन्होंने कहा कि जो स्टैण्ड भारत सरकार ने लिया है, हम उसका समर्थन करते हैं. पीएम मोदी द्वारा सर्वदलीय बैठक में नहीं बुलाए जाने पर अरविंद केजरीवाल ने कहा- हम सेना के साथ हैं, चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो
बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा (Pinaki Misra) ने बैठक में कहा कि हम पूरी तरह से और बिना शर्त सरकार के साथ खड़े हैं. डीएमके के एमके स्टालिन ने कहा कि जब हम देशभक्ति की बात करते हैं तो हम एकजुट होते हैं. उन्होंने चीन के मुद्दे पर पीएम के हालिया बयानों का भी स्वागत किया.
टीआरएस चीफ और तेलंगाना सीएम केसीआर (K. Chandrashekar Rao) ने कहा कि कश्मीर पर पीएम की स्पष्टता ने चीन को नाराज कर दिया है. कश्मीर के विकास पर पीएम के जोर ने भी चीन को नाराज किया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि पीएम के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान ने चीन को झकझोर दिया है.
बैठक में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के प्रमुख और सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (Prem Singh Tamang) ने कहा कि हमें पीएम पर पूरा भरोसा है. अतीत में भी, जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आई तब पीएम ने ऐतिहासिक निर्णय लिए. राहुल सबसे गैरजिम्मेदार नेता, मोदी के नेतृत्व में चीन, कोरोना और कांग्रेस पर विजयी होगा भारत: भाजपा
बैठक में बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा दिये गये विस्तृत जानकारी की तारीफ की और कहा कि हमे चीन के साथ व्यापार और निवेश के बारे में कठोर फैसले लेने होंगे. उन्होंने कहा कि अभी राजनीति करने का समय नही है. प्रधानमंत्री जो भी इस मसले पर फैसला लेंगे हम उनके साथ है.
उधर, तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा कि सर्वदलीय बैठक से अच्छा संदेश जाएगा कि हम हमारे जवानों के पीछे खड़े है. उन्होंने कहा कि तृणमूल इस मुद्दे पर सरकार के साथ मजबूती के साथ खड़ी है. हम लोगो को ऐसा कुछ नही करना चाहिए जिसमें चीन को गलत मैसेज जाये. हम चीन के सामने नही झुकेंगे. हमे चीन को टेलीकॉम, रेलवे और उड्डयन के क्षेत्र में नही घुसने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन हारेगा, भारत जीतेगा.
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि देश मे चीन के खिलाफ गुस्सा है. हम लोगों इस मुद्दे पर मतभेद नहीं रखना है. हम साथ-साथ है. चीन से टकराव के बाद लेह-लद्दाख में मुस्तैद हुई वायुसेना, IAF प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने की समीक्षा
जबकि, लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने चीन की निंदा करते हुये उन्होंने कहा की चीन की नियत में सदैव खोट रही है. एक तरफ जहां विश्व के अधिकांश देश मौजूदा महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार मानते है, वही दूसरी तरफ भारत में घुसपैठ करने का प्रयास चीन की खराब नियत को दशार्ता है. उन्होंने प्रधानमंत्री पर विश्वास जताते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री को आपदा को, अवसर में बदलना आता है. उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि चीन से हो रहे अनावश्यक वस्तुओं के आयात पर रोक लगायी जाए.
वहीं सर्वदलीय बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि 'भारत शांति चाहता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं. चीन का स्वभाव विश्वासघात है. भारत 'मजबूत' है 'मज़बूर' नहीं. हमारी सरकार की क्षमता है - 'आंखें निकालकर हाथ में दे देना'. हम सब एक हैं. हम प्रधानमंत्री के साथ हैं. हम अपनी सेना और उनके परिवारों के साथ हैं.
प्रधानमंत्री से अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए सवाल उठाने का यह सही समय नहीं है. भारत प्रधानमंत्री के साथ है. चीन को संदेश दें कि हम प्रधानमंत्री के साथ खड़े हैं. लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय जवानों पर हमला पूर्व नियोजित, दुस्साहस के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को दिया कड़ा संदेश
वहीं, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) ने सर्वदलीय बैठक में कहा “राष्ट्र एक है. पाकिस्तान और चीन की 'नीयत' अच्छी नहीं है. भारत चीन का डंपिंग ग्राउंड नहीं बनेगा. चीनी सामानों पर 300 फीसदी आयात शुल्क लगाया जाए.
जगन मोहन रेड्डी (YS Jaganmohan Reddy) ने सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि देश की प्रतिष्ठा विश्व स्तर पर बढ़ी है. उन्होंने दुनियाभर में प्रमुख रणनीतिक साझेदारी का निर्माण किया है. आप हमारी ताकत हैं. चीन भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा हैं.