हिंदी भाषा पर नहीं थम रहा विवाद, राज ठाकरे की पार्टी MNS के नेता ने कहा- हिंदी राष्ट्रीय भाषा नहीं, हमारे माथे पर मत थोपो
राज ठाकरे की पार्टी का कहना है कि हिंदी कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं है. एमएनएस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एमएनएस नेता अनिल शिदोरे का बयान ट्वीट किया गया है.
गैर हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी पढ़ाने का प्रस्ताव देने वाली शिक्षा नीति के मसौदे पर विवाद जारी है. दक्षिण भारत के नेता-अभिनेता और आम जनता एक सुर में केंद्र की इस नीति का विरोध कर रही है. तमिलनाडु द्वारा विरोध जताए जाने के बाद अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने इस मसले पर अपना बयान दिया है. राज ठाकरे की पार्टी का कहना है कि हिंदी कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं है. एमएनएस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एमएनएस नेता अनिल शिदोरे का बयान ट्वीट किया गया है.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता अनिल शिदोरे ने कहा, "हिंदी एक राष्ट्रीय भाषा नहीं है, इसे हमारे माथे पर मत थोपो." यह ट्वीट मराठी भाषा में किया गया है. बता दें इस मामले में सरकार विवाद बढ़ता देख अपना पक्ष रख चुकी है. सरकार साफ कर चुकी है कि किसी भी भाषा को किसी पर थोपने का कोई इरादा नहीं है, हम सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना चाहते हैं, यह समिति द्वारा तैयार किया गया एक प्लान है, जिसे सार्वजनिक प्रतिक्रिया मिलने के बाद सरकार द्वारा तय किया जाएगा.
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) और विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने इस मामले में अपनी प्रतिक्रया दी. तमिलनाडु से आने वाले दोनों नेताओं ने भरोसा दिलाया कि इस ड्राफ्ट को अमल में लाने से पहले इसकी समीक्षा की जाएगी. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भी लोगों से अपील की थी कि वह नयी शिक्षा नीति के मसौदे का अध्ययन, विश्लेषण और बहस करें लेकिनजल्दबाजी में किसी नतीजे पर ना पहुंचें.