Haryana में खट्टर सरकार पर मंडरा रहे हैं संकट के बादल, अविश्वास प्रस्ताव पर आज बहस; सभी पार्टियों ने अपने विधायकों को मौजूद रहने का दिया निर्देश
मनोहर लाल खट्टर, दुष्यंत चौटाला (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली, 10 मार्च 2021. नए कृषि कानूनों (Farm Bills 2020) को लेकर घमासान मचा हुआ है. किसानों ने राजधानी दिल्ली में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. इसी बीच हरियाणा की खट्टर सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर हरियाणा की भाजपा सरकार (BJP Govt) काफी आलोचना झेल रही है. सरकार में सहयोगी जेजेपी की तरफ से लगातार अलग होने की बात उठाई जा रही है. ऐसे में आज सभी दलों में अपने विधायकों को विधानसभा में मौजूद रहने का निर्देश दिया है. माना जा रहा है कि सूबे की सत्ता पर काबिज खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है.

वहीं दूसरी तरफ बीजेपी और जेजेपी में सब ठीक नहीं है. इसका सबूत है जननायक जनता पार्टी के एक विधायक से उठ रहा है. जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली ने डिप्टी सीएम और पार्टी के चीफ दुष्यंत चौटाला से खट्टर सरकार से अलग होने की मांग उठाई है. यह भी पढ़ें-Uttarakhand: उत्तराखंड में खत्म हुआ सियासी घमासान, त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया CM पद से इस्तीफा

उल्लेखनीय है कि हरियाणा में भले ही सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. लेकिन बहुमत के आंकड़े की बात करें तो बीजेपी के पास 40 विधायक और दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी के पास 10 एमएलए हैं. साथ ही सात निर्दलीय में से 5 विधायकों का सरकार को समर्थन है. जबकि एक हरियाणा लोकहित पार्टी का सदस्य है. सूबे की 90 विधानसभा में दो सीटें खाली हैं. बहुमत का आंकड़ा 45 का है. वैसे सब ठीक ही नजर आ रहा है लेकिन अगर जेजेपी अलग होती है और निर्दलीय भी यहां वहां होते हैं तो खट्टर सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है.