हरियाणा न्यायिक सेवा: पूर्व न्यायाधीश ए के सीकरी परीक्षा की मूल्यांकन प्रक्रिया पर करेंगे गौर

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पूर्व न्यायाधीश ए के सीकरी (Arjan Kumar Sikri) को हरियाणा में सिविल न्यायाधीश (Junior Division) के पदों के लिये आयोजित मुख्य परीक्षा में अपनाई गयी मूल्यांकन प्रक्रिया पर गौर करने की जिम्मेदारी सौंपी...

जस्टिस एके सीकरी (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली:  उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पूर्व न्यायाधीश ए के सीकरी (Arjan Kumar Sikri) को हरियाणा में सिविल न्यायाधीश (Junior Division) के पदों के लिये आयोजित मुख्य परीक्षा में अपनाई गयी मूल्यांकन प्रक्रिया पर गौर करने की जिम्मेदारी सौंपी . यह परीक्षा 107 रिक्त पदों पर नियुकितयों के लिये आयेाजित की गयी थी और इसके लिये 1100 से अधिक अभ्यर्थियों की सूची तैयार की गयी थी.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि इस परीक्षा में 1100 से अधिक अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया और इनमें से सिर्फ नौ ही इसकी पात्रता हासिल कर सके. पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सीकरी इस पहलू पर गौर करेंगे कि क्या इस परीक्षा के लिये अपनायी गयी मूल्यांकन प्रक्रिया स्वीकार्य है और इस संबंध में न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे.

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पीठ ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को निर्देश दिया कि इस परीक्षा की उत्तर पुस्तिकायें न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सीकरी के समक्ष पेश की जायें. शीर्ष अदालत ने हरियाणा में सिविल जज (जूनियर डिवीवन) परीक्षा के 92 अभ्यर्थियों की याचिका पर यह आदेश दिया. इन अभ्यर्थियों ने 11 अप्रैल को घोषित मुख्य (लिखित) परीक्षा के नतीजे निरस्त करने का अनुरोध किया हैं.

शीर्ष अदालत ने 29 अप्रैल को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि उसकी स्वीकृति के बगैर हरियाणा में किसी भी सिविल जज की नियुक्ति नहीं की जाये.

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