
गुजरात: पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल आज से अपने घर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे. दरअसल, पुलिस व प्रशासन द्वारा उन्हें अहमदाबाद और गांधीनगर कहीं भी उपवास करने की अनुमति नहीं मिली. जिसके बाद हार्दिक ने एलान किया कि वे किसी भी सूरत में भूख हड़ताल करने का फैसला नहीं बदलेंगे. अब हार्दिक एसजी हाईवे के निकट स्थित अपने आवास पर ही यह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने वाले हैं. बता दें कि हार्दिक तीन बजे से भूख हड़ताल पर बैठेंगे. हार्दिक के अनशन को देखते हुए पुलिस ने जिले में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है साथ ही जिले में धारा 144 भी लागू कर दी गई है. पब्लिक प्लेस पर 4 से ज्यादा लोगों के जमा होने पर रोक लगाई गई है.
इस बीच हार्दिक पटेल ने दावा किया कि उनके समर्थकों को उनसे मिलने से रोका जा रहा है, आने वाले लोगों से पहचान पात्र मांगकर उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार अंग्रेजों की तरह काम कर रही है. सरकार उनके अनशन को रोकने कि पूरी कोशिश कर रही है, जिस के कारण सरकार ने उन्हें अनशन के लिए स्थान भी नही दिया.
गुजरात में आरक्षण और किसानों की क़र्ज़ा माफ़ी की माँग के साथ 25 अगस्त से अहमदाबाद में अनिच्छितकालिन अनशन ।।
हमारा विजय संकल्प है और सरकार को जनता के मौलिक अधिकारों के सामने झुकाएँगे !!! युवाओं को मिले अधिकार,
किसानों को मिले सम्मान ।। pic.twitter.com/SW52RRC3P8
— Hardik Patel (@HardikPatel_) July 24, 2018
हार्दिक पटेल ने आज एक खुले पत्र में सीएम विजय रूपाणी से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि लगातार अनुरोधों के बाद भी उन्हें प्रशासन और पुलिस ने न तो अनशन करने की अनुमति दी है ना ही उन्हें प्रदर्शन के लिए कहीं स्थान मुहैया कराया है. हार्दिक पटेल का कहना है कि पुलिस के अनुमती देने तक वह अपने घर पर ही अनशन पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर सरकार की जिम्मेदारी है. 'जब धारा 144 के तहत अटलजी की अस्थिकलश यात्रा निकाली जा सकती है, तो सिर्फ हमारे अनशन पर ही क्यों धारा 144 लगती है.'
बता दें कि हार्दिक ने शुक्रवार को कहा कि अगर प्रशासन इसकी इजाजत नहीं देता है या अदालत उनकी जमानत रद्द करती है, तब भी वह भूख हड़ताल का फैसला नहीं बदलेंगे.
गौरतलब है कि आज से तीन साल पहले 25 अगस्त 2015 के दिन ही हार्दिक पटेल ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन शुरू किया था. आंदोलन के दौरान काफी हंगामा हुआ जिसके बाद यह हिंसक हो गया, इस हिसंक आंदोलन में करीब 14 लोगों कि मौत हुई.