अमेरिकी सांसद जॉर्ज होल्डिंग ने जम्मू-कश्मीर में 'साहसी' कदमों के लिए की पीएम नरेंद्र मोदी की सराहना
पीएम नरेंद्र मोदी और जॉर्ज होल्डिंग (Photo Credits: IANS/Twitter)

अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में संविधान के अस्थायी अनुच्छेद के प्रावधानों को रद्द करने के साहसी कदमों के लिये गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सराहना की. सांसद जॉर्ज होल्डिंग (George Holding) ने गुरुवार को सदन में कहा, "प्रधानमंत्री मोदी और संसद ने जो कदम उठाए हैं उनकी आवश्यकता थी, वे क्षेत्र में दीर्घकालिक स्थायित्व के लिये जरूरी हैं और इनकी सराहना की जानी चाहिए."

रिपब्लिकन सांसद ने कहा कि भारतीय संसद ने जम्मू-कश्मीर का दर्जा बदलने का कानून पारित करने के साथ ही उन प्रावधानों में भी बदलाव किया है जो, "आर्थिक विकास में बाधक थे और अलगाववाद की भावना को बढ़ावा देने वाले लगते थे." उन्होंने कहा, "हाल तक, कश्मीर अनुच्छेद 370 (Article 370) से चलता था, जो एक पुराना कानून था जिसे भारतीय संविधान ने अस्थायी तौर पर मान्यता दी थी. अनुच्छेद 370 उन लोगों के लिये भले ही अच्छा हो जिनके राजनीतिक संपर्क थे, लेकिन यह लोगों को आर्थिक अवसर उपलब्ध नहीं कराता था."

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होल्डिंग ने कहा कि भारतीय संविधान के अस्थायी प्रावधान ने ध्रुवीकरण का माहौल बनाया जिसका राजनीतिक दोहन किया गया और पिछले कुछ दशकों में हजारों लोगों ने आतंकवादी हमलों में अपनी जान गंवाई. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान स्थित कई समूह सीमा पार आतंकवाद फैलाने में सक्षम रहे जिससे यहां के लोगों और उनके परिवारों को काफी कुछ झेलना पड़ा और अर्थव्यवस्था हमेशा कमजोर रही." होल्डिंग ने कहा, इसलिये, मोदी सरकार को यह फैसला लेना था कि पुरानी नीति के साथ ही चला जाए या फिर क्षेत्र के वैधानिक दर्जे में बदलाव कर प्रगति के रास्ते पर बढ़े.

उन्होंने कहा, "मैडम स्पीकर, जम्मू-कश्मीर के लोग बेहतर के हकदार हैं और स्थिति को देखते हुए साहसी कदम उठाकर प्रधानमंत्री मोदी ने सही किया. जम्मू-कश्मीर के दर्जे में बदलाव को संसद द्वारा दो-तिहाई बहुमत से पारित किया गया जो सुधारों की आवश्यकता की जरूरत पर आम सहमति को दर्शाता है." सांसद ने कहा कि इन बदलावों के बाद भी यहां अशांति चाहने वाले लगातार हिंसा को बढ़ावा देने में लगे हैं.

होल्डिंग ने कहा, "पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों ने हाल ही में आम नागरिकों को बाहर निकलने, काम करने या सार्वजनिक स्थलों पर न जाने की चेतावनी देते हुए पोस्टर लगाए." उन्होंने कहा कि ये समूह सीमापार आतंकवाद में लिप्त हैं और इन्होंने नागरिकों तथा बच्चों पर हमले भी किये हैं. इन आतंकवादी समूहों ने सेब के कारोबार से जुड़े व्यापारियों और मजदूरों को भी निशाना बनाया.