जयपुर, 8 अक्टूबर: राजस्थान कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं लग रहा है. यहां की पुलिस द्वारा पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के मीडिया मैनेजर और जयपुर के एक पत्रकार के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने के साथ ही फिर से नई दरार बननी शुरू हो गईं है. यह मामला उस समय का है, जब जुलाई-अगस्त में राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था और जैसलमेर के एक होटल में रहने के दौरान 'कांग्रेस विधायकों के फोन टैप' किए गए थे.
इतना ही नहीं, कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख रहे पायलट के द्वारा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Pradesh Congress Committee) के कार्यालय में शुरू किया गया 'जन सुनवाई सत्र' भी बंद कर दिया गया है. पीसीसी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने आईएएनएस को बताया कि जनसुनवाई बंद करने के पीछे वजह कोविड-19 महामारी है. उन्होंने कहा, "हम इस समय पीसीसी में भीड़ इकट्ठा नहीं करना चाहते हैं. वैसे तो पिछले कई महीनों से जनसुनवाई नहीं हो रही थी, अब हमने इसे आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया है."
इस बीच गुरुवार को पायलट अपने समर्थकों के एक बड़े काफिले के साथ जोधपुर जा रहे थे, जिसे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के गृह निर्वाचन क्षेत्र में उनकी ताकत का प्रदर्शन करार दिया. उनकी मीडिया टीम ने कहा कि वे भाजपा नेता जसवंत सिंह के निधन पर अपनी संवेदनाएं जताने के लिए उनके बेटे मानवेंद्र सिंह से मिलेंगे.
वहीं, जयपुर के विधायक पुरी थाने में पायलट के मीडिया मैनेजर लोकेंद्र सिंह और राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार शरत कुमार पर एफआईआर दर्ज की गई है. कुमार ने आईएएनएस से कहा, "जबकि यह खबर कई मीडिया हाउस ने चलाई है, तो केवल मेरे खिलाफ ही एफआईआर क्यों दर्ज की गई." वहीं, आईएएनएस ने लोकेंद्र सिंह से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ था. इन दोनों पर आईपीसी की धारा 505 (1), 505 (2), 120 बी और सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 76 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उन्होंने लोकेंद्र सिंह को अपने गैजेट्स (लैपटॉप, मोबाइल और कंप्यूटर) के साथ गुरुवार को पुलिस स्टेशन में बुलाया था. इन गैजेट्स का इस्तेमाल 'फोन टैपिंग रिपोर्ट' की जानकारी फैलाने में किया गया था. पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने आईएएनएस को पुष्टि की कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट, दोनों के ही खेमों में सब कुछ ठीक नहीं है. पहला खेमा, पायलट के राजस्थान कांग्रेस में वापसी से नाखुश है तो दूसरा अपने कट्टर समर्थकों के पोर्टफोलियो छिन जाने से नाराज है.