पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का मोदी सरकार पर बड़ा हमला, बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर बोले- मिसमैनेजमेंट का नतीजा है यह मंदी

पूर्व पीएम ने कहा अर्थव्यवस्था की स्थिति आज बहुत चिंताजनक है. पिछली तिमाही में विकास दर 5 फीसदी यह बताता है कि अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन चल रहा है. मोदी सरकार के कुप्रबंधन ने देश की अर्थव्यवस्था को मंदी में ढकेल दिया है.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ( फोटो क्रेडिट: ANI )

देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. जीडीपी में तेज गिरावट को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former PM Manmohan Singh) ने अर्थव्यवस्था पर चिंता व्यक्त की और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. पूर्व पीएम ने कहा अर्थव्यवस्था की स्थिति आज बहुत चिंताजनक है. पिछली तिमाही में विकास दर 5 फीसदी यह बताता है कि अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन चल रहा है. जीडीपी का पांच फीसदी पर पहुंच जाना इस बात का संकेत है कि हम एक लंबी मंदी के भंवर में फंस चुके हैं. मनमोहन सिंह ने आगे कहा, भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से आगे बढ़ने की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन ने देश की अर्थव्यवस्था को मंदी में ढकेल दिया है. अर्थव्यवस्था अब तक नोटबंदी और जीएसटी जैसे मानवीय कुप्रबंधन से उबर नहीं पाई है.

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने आगे कहा कि यह विशेष रूप से चिंताजनक है कि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 0.6 फीसदी से कम हो रही है. इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि हमारी अर्थव्यवस्था नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू किए गए जीएसटी जैसे फैसलों से नहीं उभर पाई है." पूर्व पीएम ने कहा कि घरेलू मांग में निराशा साफ नजर आ रही है और खपत में वृद्धि 18 महीने के सबसे निचले स्तर पर है. नॉमिनल जीडीपी 15 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. कर राजस्व में भारी कमी है. निवेशकों में भारी उदासीनता है. यह आर्थिक सुधार की नींव नहीं है.

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बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार को घेरा-

पूर्व पीएम ने नौकरियों के अवसर पैदा न होने पर भी मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा ग्रामीण भारत की स्थिति और दयनीय है. किसानों को सही दाम नहीं मिल रहा और ग्रामीण आय गिर गई है. जिस कम महंगाई दर को मोदी सरकार दिखा रही है, उसकी कीमत हमारे किसान और उनकी आय है.

यहां सुने पूर्व पीएम ने क्या कहा- 

बता दें कि देश की अर्थव्यवस्था इन दिनों मंदी की मार से जूझ रही है. आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत रह गई है. जो साढ़े छह सालों का निचला स्तर है. पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में आर्थिक विकास दर 5.8 फीसदी रही थी. सरकार ने शुक्रवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए. जीडीपी ग्रोथ रेट में पिछली कई तिमाहियों से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. कांग्रेस ने जीडीपी ग्रोथ रेट के पिछले सात साल के अपने न्यूनतम स्तर पर चले जाने को 'मोदी मेड डिजास्टर' करार दिया है.

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