असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई बतौर वकील नागरिकता संशोधन कानून मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुए पेश
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो )

नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई बुधवार को बतौर अधिवक्ता बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता के मामले में सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय में मौजूद थे. शीर्ष अदालत ने इस कानून की संवैधानिक वैधता पर विचार करने का निर्णय लेते हुये केन्द्र को नोटिस जारी किया है.

असम के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके 83 वर्षीय तरूण गोगोई प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे के न्यायालय में अधिवक्ताओं के गाउन में नजर आये. इस मामले में बतौर अधिवक्ता तरूण गोगोई के पेश होने से संबंधित खबर उनके पुत्र और कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने ट्विटर पर साझा की थी.यह भी पढ़े-अमेरिका में असम के प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ने दिया बयान, कहा- नागरिकता संशोधन कानून का पूर्वोत्तर पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव

असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्य नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं. इस कानून के तहत 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, अफ्गानिस्तान और बांग्लादेश से अवैध रूप से आये हिन्दू, सिख, पारसी, ईसाई, जैन और बौध शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है.