नाथूराम गोडसे वाले बयान के बाद कमल हासन बोले- 'सभी धर्मों में होते हैं आतंकी'

‘मक्कल नीधि मय्यम' (एमएनएम) प्रमुख ने कहा कि उन्हें गिरफ्तारी से डर नहीं लगता लेकिन उन्होंने साथ ही चेताया कि इस प्रकार की कार्रवाई से तनाव बढ़ेगा।

कमल हासन (Photo Credit-Twitter)

चेन्नई. ‘‘हिंदू अतिवादी’’ वाले बयान को लेकर विवादों में घिरे अभिनेता-नेता कमल हासन ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘हर धर्म में आतंकवादी होते हैं’’ और कोई भी अपने धर्म के श्रेष्ठ होने का दावा नहीं कर सकता। ‘मक्कल नीधि मय्यम' (एमएनएम) प्रमुख ने कहा कि उन्हें गिरफ्तारी से डर नहीं लगता लेकिन उन्होंने साथ ही चेताया कि इस प्रकार की कार्रवाई से तनाव बढ़ेगा। तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) सत्यब्रत साहू ने कहा कि करूर के अरावाकुरिची में हासन की टिप्पणी पर जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) से एक रिपोर्ट मांगी गयी है।

मौजूदा विवाद के कारण कोयंबतूर के सुलूर में प्रचार की अनुमति नहीं मिलने के बाद हासन ने प्रचार के लिए ट्विटर का सहारा लिया और कहा, ‘‘विज्ञान का शुक्रिया।’’ हासन ने कहा कि अरावाकुरिची विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव के लिए रविवार को चुनाव प्रचार के दौरान जो बयान दिया गया था, वह पहली बार नहीं था।

उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘‘हर धर्म में आतंकवादी होते हैं’’ और ‘‘यह दिखाता है कि हर धर्म में चरमपंथी होते हैं।’’इस बयान को लेकर करुर जिले के अरावाकुरिची में उनके खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी के बाद हासन ने अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है।

हासन ने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान चेन्नई में भी इसी प्रकार का बयान दिया था लेकिन उस पर अब वे लोग ध्यान दे रहे हैं, ‘‘जिनका आत्मविश्वास डगमगा गया है।’’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं यह बताना चाहता हूं कि हर धर्म में बड़ी संख्या में होते हैं। इतिहास में आप बहुत से धर्म में बहुत से लोगों को सूचीबद्ध कर सकते हैं।

हासन ने कहा, ‘‘इस लिए, मैं इस मायने में कह रहा था। हर धर्म के अपने आतंकवादी हैं और हम यह दावा नहीं कर सकते कि हम पाक-साफ हैं और हमने ऐसा नहीं किया। इतिहास आपको दिखाता है कि अतिवादी सभी धर्मों में होते हैं।’’

हासन ने कहा कि रविवार को उन्होंने जो भाषण दिया था, उसमें उन्होंने सद्भावना बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया था। यह पूछे जाने पर कि क्या वह गोडसे के हिंदू धर्म का उल्लेख करने से परहेज कर सकते थे, उन्होंने कहा कि वह रविवार को दिये अपने बयान पर कायम हैं।

उन्होंने दावा किया कि विवादित टिप्पणी के बाद कोई तनाव नहीं कायम हआ और स्पष्ट तौर पर उनके विरोधियों की ओर से ‘‘तनाव पैदा किया जा रहा है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने गिरफ्तारी के डर से मद्रास उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है, हासन ने ‘‘नहीं’’ में जवाब दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं गिरफ्तारी से नहीं डरता, लेकिन मुझे चुनाव प्रचार करना है। उन्हें मुझे गिरफ्तार करने दीजिए... लेकिन यदि वे मुझे गिरफ्तार करते हैं, तो तनाव बढ़ेगा। यह मेरा अनुरोध नहीं, बल्कि सलाह है।’’ हासन ने आरोप लगाया कि उस दिन मीडिया ने उनके भाषण को चुनिंदा तरीके से कांट-छांट कर पेश किया। इस बीच, साहू ने कहा कि मामले में डीईओ से एक रिपोर्ट मांगी गयी है ।

उन्होंने कहा कि कमल हासन के मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और पुलिस ने हमें अवगत कराया है। राजनीतिक दलों ने भी ज्ञापन दिए हैं। साहू ने कहा कि डीईओ इस मामले की जांच कर रहे हैं और ‘‘हम डीईओ की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।’’

हासन से जब पूछा गया कि क्या वह तमिलनाडु सरकार के मंत्री राजेंद्र भालाजी के इस बयान से डरा हुआ महसूस कर रहे हैं कि अभिनेता की जुबान काट देनी चाहिए या सार्वजनिक तौर पर उन पर पत्थरबाजी करनी चाहिए, तो उन्होंने कहा कि वह डरा हुआ महसूस नहीं कर रहे।

हासन ने कहा, ‘‘नहीं, मैं डरा हुआ महसूस नहीं कर रहा। मेरा मानना है कि राजनीति की गुणवत्ता गिरती जा रही है। मैं कीचड़ फेंकने के इस खेल में नहीं पड़ने वाला।’’ जब एक पत्रकार से पूछा कि क्या वह अपनी टिप्पणियों के लिए हिंदुओं से माफी मांगेंगे, इस पर हासन ने कहा कि लोगों को हिंदुओं और आरएसएस के बीच फर्क करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें फर्क करना चाहिए कि हिंदू कौन हैं, आरएसएस कौन है। आप इसका सामान्यीकरण नहीं कर सकते। राजनीतिक पदाधिकारी तो कभी भी आहत हो जाते हैं, आस्थावान और गैर-राजनीतिक लोग कुछ ही समय के लिए सोचेंगे कि उन्होंने इस तरह क्यों बोला...आहत होना, नाराज हो जाना और हमला करना राजनीतिक हथकंडे हैं। वे हिंसक हथकंडे हैं।’’

इस बीच, हासन ने यह भी कहा कि ‘हिंदू’ शब्द स्वदेशी नहीं है बल्कि इसकी उत्पत्ति विदेशी है।

हासन ने ट्वीट कर कहा कि न तो अलवारों और न ही नयनमारों, जो प्रसिद्ध वैष्णव एवं शैव संत थे, ने ‘हिंदू’ पर कोई नोट बनाया था।

उन्होंने कहा कि नागरिकों की पहचान सिर्फ ‘भारतीय’ के तौर पर की गई थी और इसे किसी धर्म तक सीमित करना ‘त्रुटिपूर्ण’ है। हासन ने कहा, ‘‘12 अलवारों या नयनमारों द्वारा ‘हिंदू’ का कोई जिक्र नहीं किया गया था। मुगलों या (विदेशी) शासकों ने हमारा नाम हिंदू रखा था।’’

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