मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के भांजे रतुल पुरी ने करोड़ों रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में शामिल बिचौलियों से जुड़ी कंपनियों से कथित रूप से करीब 16 करोड़ रुपये रिश्वत के तौर पर हासिल किये. यह बात प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने अपने आरोपपत्र में कही है. ईडी ने मामले में अपनी छठी पूरक अभियोजन शिकायत दाखिल की है और पुरी तथा उसके कथित साथी जसप्रीत आहूजा को इसमें आरोपी बनाया है.
ईडी ने एक बयान में कहा, "जांच में खुलासा हुआ कि अगस्तावेस्टलैंड (Agustawestland) से आई 7 करोड़ यूरो की रिश्वत बिचौलियों कार्लो गेरोसा, गुइडो हेश्के तथा एक और बिचौलिये क्रिस्चियन माइकल जेम्स के माध्यम से दी गयी." गेरोसा और हेश्के को करीब 2.8 करोड़ यूरो तथा जेम्स को 4.2 करोड़ यूरो मिले. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि पुरी ने अपनी विदेशी कंपनियों में इंटरसेलर टेक्नोलॉजीस लिमिटेड के माध्यम से 7,04,134.57 यूरो और 1,50,000 डॉलर हासिल किए.
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एजेंसी ने आरोप लगाया, "यह धन विदेशी न्यायक्षेत्र में आने वाली विभिन्न कंपनियों में लगाया गया और फिर भारत में लाकर इसे हिंदुस्तान (Hindustan) पॉवर समूह में लगाया गया जिसके कर्ताधर्ता पुरी हैं." ईडी ने दावा किया कि पुरी को माइकल की कंपनी ग्लोबल सर्विसेस एफजेडई तथा ग्लोब ऑइल एफजेडई से 12,40,890 डॉलर की राशि प्राप्त हुई. पुरी को कथित तौर पर जो विदेशी धन प्राप्त हुआ, उसका मूल्य करीब 16 करोड़ रुपये है.
आरोपपत्र में कहा गया कि आहूजा ने इस अपराध में पुरी की मदद की. दोनों लंबे समय से एक दूसरे को जानते हैं. ईडी ने कहा कि एक अदालत ने आरोपपत्र का संज्ञान लिया है और आहूजा को 18 दिसंबर को पेश होने के लिए सम्मन जारी किया है. पुरी को इसी तारीख तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. एजेंसी ने यहां विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया. ईडी ने चार सितंबर को पुरी को गिरफ्तार किया था. फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं.