कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने शुक्रवार को कहा कि यह पूरा घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब साल 2017 में बीजेपी आईटी सेल (BJP IT Cell) के मेंबर ध्रुव सक्सेना और बजरंग दल (Bajrang Dal) के बलराम सिंह को आईएसआई (ISI) से पैसा लेते हुए एसटीएफ ने पकड़ा था. लेकिन तत्कालीन मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार ने न तो उन पर एनएसए का आरोप लगाया और न ही उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई की. दिग्विजय सिंह ने कहा कि आगे की प्रक्रिया मैं कमलनाथ (Kamal Nath) जी और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) जी पर छोड़ता हूं. दरअसल, कुछ दिनों पहले दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि बीजेपी और बजरंग दल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से धन ले रहे हैं.
इसके अलावा, उन्होंने कहा था कि आईएसआई के लिए मुसलमानों से ज्यादा गैर-मुसलमान जासूसी कर रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश के भिंड में संवाददाताओं से कहा था, ‘बजरंग दल और बीजेपी आईएसआई (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी) से पैसा ले रहे हैं. इन पर थोडा ध्यान दीजिए.’ उन्होंने आगे कहा था, ‘एक बात और बताऊं, पाकिस्तान से आईएसआई के लिए जासूसी मुसलमान कम कर रहे हैं, गैर-मुसलमान ज्यादा कर रहे हैं. इस बात को भी समझ लीजिए.’ यह भी पढ़ें- दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा- GDP गिर रही है और वो फिट इंडिया की बात कहते हैं.
Congress leader Digvijaya Singh: Now I leave the future process to Kamal Nath ji and Sonia Gandhi ji. #MadhyaPradesh https://t.co/tSprETT6wg
— ANI (@ANI) September 6, 2019
दिग्विजय सिंह के इस विवादित बयान के बाद बीजेपी ने उन पर निशाना साधा था. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाते हुए कहा था कि खबरों में बने रहने के लिए वह ऐसे बयान देते हैं. शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर पर लिखा था, ‘दिग्विजय सिंह जानबूझकर ऐसी बयानबाजी करते हैं. वह और उनके नेता पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं. उनकी विश्वसनीयता बची नहीं है. मैं उनके बयान को इसलिए गंभीरता से नहीं लेता, क्योंकि सारा देश संघ और बीजेपी की देशभक्ति को जानता है, हमें दिग्विजय जी के प्रमाण की जरूरत नहीं है.