दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: क्या मनोज तिवारी को इलेक्शन कमीशन के ऐलान से पहले ही पता थी 'चुनाव की तारीख', वीडियो आया सामने 

देश की राजधानी दिल्ली में चुनाव की तारीख का ऐलान सोमवार को इलेक्शन कमीशन ने कर दिया है. बताना चाहते है कि दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए वोटिंग आठ फरवरी को होगी. इसके साथ ही चुनाव के नतीजे 11 फरवरी को आएंगे. आज से ही राजधानी में चुनावी आचार संहिता लागू हो गई है. इसी बीच बीजेपी सांसद और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

मनोज तिवारी (Photo Credits-Twitter Videograb)

नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में चुनाव की तारीख का ऐलान सोमवार को इलेक्शन कमीशन ने कर दिया है. बताना चाहते है कि दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा (Delhi Assembly Election 2020) के लिए वोटिंग 8 फरवरी को होगी. इसके साथ ही चुनाव के नतीजे 11 फरवरी को आएंगे. आज से ही राजधानी में चुनावी आचार संहिता लागू हो गई है. इसी बीच बीजेपी सांसद और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी (BJP MP and Delhi President Manoj Tiwari) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसके बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या मनोज तिवारी को इलेक्शन कमीशन (Election Commission of India) के ऐलान से पहले ही चुनाव की तारीख पता थी.

मनोज तिवारी ने पिछले महीने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में सीएम अरविंद केजरीवाल को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था कि दिल्ली का दबंग कौन है यह 8 फरवरी को पता चल जाएगा. चुनाव की तारीख की घोषणा करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि उन्होंने पिछले महीने मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चुनाव के संबंध में बैठक की थी. अरोड़ा का कार्यकाल 22 फरवरी को समाप्त हो रहा है. इस इंटरव्यू को यूजर्स शेयर कर मनोज तिवारी और चुनाव आयोग की खिंचाई कर रहे हैं. यह भी पढ़े-दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: अरविंद केजरीवाल बोले-अगर जनता को लगता है हमने काम किया तो वोट दें, वरना ना दें

इस वीडियो को लेकर लोग कह रहे हैं कि इलेक्शन कमीशन पहले से ही फिक्स है.

एक अन्य यूजर ने लिखा कि हम सबको  Chronology समझनी चाहिए-

Official_NimbuMirchi नामक यूजर ने लिखा कि 'पकड़े गए'

प्रकाश नामक यूजर ने लिखा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है-

गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल की आप ने साल 2015 के विधानसभा चुनाव में 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महज तीन सीटों पर सिमट गई थी. वहीं कांग्रेस उस चुनाव में अपना खाता तक नहीं खोल सकी थी.

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