दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: राजधानी कि हाईप्रोफाइल सीट बनी हरि नगर, बीजेपी के तेजिंदर सिंह बग्गा को आप के इस उम्मीदवार से मिल रही है टक्कर
तेजिंदर पाल सिंह बग्गा (Photo Credits: ANI/File)

Delhi Vidhnsabha Chunav Hari Nagar Seat: राष्ट्रीय राजधानी के विधानसभा चुनाव में इस बार पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के हरि नगर में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी. इस निर्वाचन क्षेत्र से दोनों ने नए चेहरों को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने इस सीट से तेजिंदर पाल सिंह बग्गा (Tajinder Pal Singh Bagga)  को मैदान में उतारा है, वहीं आप ने अपने दो बार के विधायक जगदीप सिंह की जगह राज कुमारी ढिल्लों (Rajkumari Dhillon) को मौका दिया है. 92,731 पुरुष और 81,726 महिला मतदाताओं वाली इस सीट से इस बार कुल 1,74,463 मतदाता नेताओं की किस्तम तय करेंगे. पिछली बार भाजपा की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) इस सीट से लड़ी थी और उसके उम्मीदवार को आप नेता से 15,000 से अधिक वोटों से हार का सामना करना पड़ा था.

आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जगदीप सिंह ने 2013 और 2015 में दोनों बार सीट जीती थी। आप के अस्तित्व में आने से पहले 1993 से 1998 तक यह सीट भाजपा का गढ़ रही है. इस बार दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता बग्गा को इस सिख बहुसंख्यक निर्वाचन क्षेत्र से चुना गया है। ढिल्लो को आप द्वारा किसी भी सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करने के लिए लाया गया है.

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सोमवार और मंगलवार की मध्यरात्रि को बग्गा के नाम की घोषणा के तुरंत बाद उन्होंने एक पोस्टर जारी किया, जिसमें लिखा था, 'नेता नहीं, बेटा'. यह उनके अभियान का नारा प्रतीत होता है. हालांकि ढिल्लो अरविंद केजरीवाल की लहर पर सवार हैं और उनका नारा पार्टी के समान ही है, जिसमें कहा गया है, 'अच्छे बीते पांच साल'. इस निर्वाचन क्षेत्र में मायापुरी, नानकपुरा, पराग विहार, हरि नगर आदि आते हैं. यहां 2020 में भी साफ पानी और पार्किं ग की जगह की कमी चुनावी मुद्दा बना हुआ है. यहां के स्थानीय निवासी अक्सर अवैध पार्किं ग की शिकायत करते हैं. उम्मीदवारों के रूप में दोनों को ही यहां के मतदाताओं को यह विश्वास दिलाना होगा कि उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए उनके पास एक बेहतर योजना है.

इस चुनाव में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का भी असर देखने को मिल सकता है. बीजेपी को उम्मीद है कि निर्वाचन क्षेत्र में मजबूती रखने वाले सिखों का वोट उनकी झोली में आ सकता है. दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान होगा और नतीजे 11 फरवरी को आएंगे.