नई दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली छावनी में सेना के नये मुख्यालय के निर्माण के लिए शुक्रवार को आधारशिला रखी और कहा कि विश्व अब इस बात को स्वीकार करता है कि भारत ताकतवर राष्ट्रों में से एक है. अधिकारियों ने बताया कि इस नये मुख्यालय का नाम ‘थल सेना भवन’ रखा गया है और यह करीब 39 एकड़ में बनाया जाएगा. सिंह ने शिलान्यास कार्यक्रम में कहा, “हमने नये सेना भवन की आधारशिला रख दी है. यह (पत्थर) शीर्ष तक नहीं पहुंचेगा लेकिन यह पहला पत्थर है. और यह सशस्त्र बलों के उन गुमनाम नायकों का प्रतिनिधित्व करेगा जिन्होंने देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है.”
रक्षा मंत्री ने कहा कि दुनिया अब मानती है कि भारत ‘‘कमजोर भारत नहीं बल्कि यह दुनिया भर के शक्तिशाली राष्ट्रों में शुमार है” और इसका श्रेय ‘‘हमारे बहादुर सैनिकों और जवानों को जाता है जिन्होंने बलिदान दिया है. सेना का मुख्यालय फिलहाल लुटियंस दिल्ली के रायसीना हिल में ऐतिहासिक साउथ ब्लॉक में स्थित है. सिंह ने कहा कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) की अध्यक्षता वाला सैन्य मामलों का नया विभाग इस नये भवन में होगा. रक्षा मंत्री ने मानेकशॉ सेंटर के परिसर में ‘‘भूमिपूजन’’ भी किया. यह भी पढ़े-सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देना का दिया निर्देश, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया फैसले का स्वागत
शिलान्यास समारोह विभिन्न धर्मों की प्रार्थनाओं के साथ शुरू हुआ जहां भारत के चार मुख्य धर्मों का प्रतिनिधित्व कर रहे धार्मिक गुरुओं ने अपने-अपने पवित्र ग्रंथों से पंक्तियां पढ़ीं और भवन और उसमें काम करने वाले लोगों के मंगल की कामना की. सिंह ने कहा कि अपनी जान का बलिदान देने वाले सैनिकों की इच्छा यह नहीं थी कि लोग उन्हें पहचाने बल्कि “उनकी एकमात्र इच्छा थी कि भारत सक्षम और शक्तिशाली देश बने.”उन्होंने कहा कि यह आधारशिला अन्य के लिए प्रेरणा का स्रोत होगी.
इस मौके पर सेना प्रमुख एम एम नरवणे भी मौजूद थे और बड़ी संख्या में रक्षा कर्मी और जवान दर्शकों में शामिल थे. इस भवन के निर्माण में लगने वाले समय के बारे में पूछे जाने पर सेना प्रमुख ने कहा, “नये भवन को तैयार होने में तीन से चार वर्ष का समय लगेगा.”सेना प्रमुख का कार्यालय भी साउथ ब्लॉक में स्थित है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “सेना के करीब 2,900 अधिकारी और 3,100 आम नागरिक यहां काम करेंगे.”उन्होंने बताया कि इस परियोजना में करीब 700 करोड़ रुपये की लागत आएगी.