महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंचे कांग्रेस सांसद
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ लाए गए महाभियोग को खारिज करने के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के फैसले को कांग्रेस के दो राज्यसभा सांसदों प्रताप सिंह बाजवा और अमी याग्निक ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.
नई दिल्ली: मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ लाए गए महाभियोग को खारिज करने के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के फैसले को कांग्रेस के दो राज्यसभा सांसदों प्रताप सिंह बाजवा और अमी याग्निक ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.
बाजवा और याजनिक पिछले महीने नायडू द्वारा खारिज किए गए महाभियोग नोटिस पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल हैं. इन्होंने अपनी याचिका में मांग की है कि सांसदों की अपेक्षित संख्या ने महाभियोग पर हस्ताक्षर किए थे, उपराष्ट्रपति के पास कोई विकल्प नहीं बचा था. इसलिए चीफ जस्टिस पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनानी चाहिए.
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल द्वारा मामले की जल्द सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने के उल्लेख पर सिब्बल को कल आने के लिए कहा. सिब्बल ने अदालत से कहा कि चूंकि मामला प्रधान न्यायाधीश से जुड़ा है, इसलिए उनके समक्ष इसका उल्लेख नहीं किया जा सकता.
उन्होंने पीठ से यह भी कहा कि महाभियोग नोटिस को खारिज किया जाना 'गंभीर संवैधानिक मुद्दों' को उठाता है और इसमें संवैधानिक प्रावधानों की व्याख्या शामिल है.
बात दें की देश के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू को 71 सांसदों के दस्तखत वाला प्रस्ताव सौंपा था, जिसे वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया था.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को सर्वोच्च न्यायालय ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. कोर्ट ने कहा था कि, "हाल के दिनों में जो कुछ भी हुआ है वह परेशान करने वाला है." इस संबंध में कोर्ट ने अटॉनी जनरल से 7 मई तक राय मांगी थी.