उपसभापति चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने केजरीवाल पर निकाली भड़ास
गुरुवार को हरिवंश नारायण सिंह के राज्यसभा के उपसभापति चुने जाने के बाद कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर अपनी भड़ास निकाली है. दरअसल विपक्ष में फूट का फायदा उठाकर एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश ने विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को आसानी से हरा दिया.
नई दिल्ली: गुरुवार को हरिवंश नारायण सिंह के राज्यसभा के उपसभापति चुने जाने के बाद कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर अपनी भड़ास निकाली है. दरअसल विपक्ष में फूट का फायदा उठाकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार हरिवंश ने विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को आसानी से हरा दिया.
अनुभवी पत्रकार और जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के सदस्य हरिवंश को 125 जबकि हरिप्रसाद को 105 वोट मिले. राज्यसभा वोटिंग के दौरान 244 सदस्यों में से केवल 230 सदस्य ही उपस्थित थे. आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य मतदान के दौरान मौजूद नहीं थे. आप के तीन सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था. आप के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने उनसे संपर्क नहीं किया. इसके अलावा वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के भी दो सांसद सदन से अनुपस्थित रहे.
कांग्रेस प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अरविंद केजरीवाल को अवसरवादी बताया है. शर्मिष्ठा ने ट्वीट किया, "आम आदमी पार्टी कहती है, राजनीति अहंकार पर नहीं चलती है। बिल्कुल! यही कारण है कि अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी की मदद करते हुए राज्यसभा में मतदान से दूर रहने का फैसला किया."
उन्होंने आगे लिखा, "राजनीति विचारधाराओं की लड़ाई है, न कि अवसरवादियों के लिए उनके खेल का मैदान है."
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि राज्यसभा के उपसभापति बने हरिवंश अनुभवहीन सांसद हैं. राशिद अल्वी ने कहा कि हरिवंश पहली बार सांसद बने हैं. राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन का पद बहुत महत्वपूर्ण पद है. इस पर सर्वसम्मति से नाम तय होना चाहिए था, पर बीजेपी ने सत्ता के अहंकार में ऐसा नहीं होने दिया.
सत्तारूढ़ उम्मीदवार को यह आसान जीत बीजू जनता दल (बीजद) और तेलंगाना राष्ट्र समिति के समर्थन से मिली. दोनों पार्टियों का बीजेपी से क्रमश: ओडिशा और तेलंगाना में मुकाबला रहता है लेकिन दिल्ली में उन्होंने बीजेपी की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया. उम्मीद के मुताबिक अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के 13 सांसदों ने भी एनडीए के उम्मीवार का समर्थन किया. सदन में बीजद और टीआरएस के क्रमश: 9 और 6 सदस्य हैं.