Congress ने चरणजीत सिंह चन्नी को CM बनाकर UP और उत्तराखंड की भी कर दी फील्डिंग, ऐसे मिलेगा फायदा
पंजाब में मुख्यमंत्री पद के लिए दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी के नाम की आश्चर्यजनक घोषणा के बाद, कांग्रेस उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बड़े लक्ष्य की ओर भी देख रही है, जहां अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने वाले हैं. राहुल गांधी ने नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा के बाद चन्नी को बधाई देते हुए कहा, "श्री चरणजीत सिंह चन्नी जी को नई जिम्मेदारी के लिए बधाई.
नई दिल्ली, 19 सितंबर: पंजाब (Punjab) में मुख्यमंत्री पद के लिए दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के नाम की आश्चर्यजनक घोषणा के बाद, कांग्रेस उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बड़े लक्ष्य की ओर भी देख रही है, जहां अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने वाले हैं. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा के बाद चन्नी को बधाई देते हुए कहा, "श्री चरणजीत सिंह चन्नी जी को नई जिम्मेदारी के लिए बधाई. हमें पंजाब के लोगों से किए गए वादों को पूरा करना जारी रखना चाहिए. उनका भरोसा सर्वोपरि है. "यह भी पढ़े: Charanjit Singh Channi Oath Ceremony: पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का बड़ा दांव, दलित चेहरा चरणजीत सिंह चन्नी को बनाया सीएम, आज लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ
चन्नी, जो निवर्तमान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कटु आलोचक हैं, उन्हें राज्य में न केवल लगभग 32 प्रतिशत दलित मतदाताओं को लुभाने के लिए नियुक्त किया गया है, बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और यूपी में भी पंजाब के साथ अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं. पंजाब में एक दलित सीएम के बाद कांग्रेस की नजर उत्तराखंड में पर है, लेकिन इस बात की संभावना कम है कि पार्टी को यूपी में दलित फार्मूले को ज्यादा भाव मिलेगा, क्योंकि राज्य में मायावती एक मजबूत ताकत हैं और गैर-जाटव दलितों ने ज्यादातर भाजपा के साथ गठबंधन किया है. सूत्रों का कहना है कि सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम का प्रस्ताव अधिकांश विधायकों ने किया था, लेकिन राहुल गांधी ने चन्नी के पक्ष में फैसला किया, जो पिछली अकाली सरकार के दौरान थोड़े समय के लिए विपक्ष के नेता थे.
अन्य नामों के अलावा, कांग्रेस चाहती थी कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबिका सोनी भी मुख्यमंत्री बनें, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. हालांकि, वह अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब प्रकरण में मुख्य संकटमोचक के रूप में उभरीं. सोनी ने देर रात पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ कम से कम दो बार बैठक की और नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति में अपनी भूमिका निभाई. सोनी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए राज्य के नेताओं में आम सहमति बनानी थी, दूसरी बात कि मुख्यमंत्री का विधायक होना चाहिए था, और इसलिए रंधावा और चन्नी के नाम सामने आए, लेकिन दलित नेतृत्व पर विशेष ध्यान देने वाले राहुल गांधी ने चन्नी के पक्ष में फैसला किया.