Karnataka Sex Scandal: प्रज्वल रेवन्ना मामले में निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर लगाया गंभीर आरोप, कहा- सबूत होने पर भी कर्नाटक सरकार ने नहीं की कार्रवाई

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को दावा किया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने मामले की जानकारी होने के बावजूद महिलाओं के यौन शोषण के आरोपी जद (एस) नेता प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ करीब एक साल तक कार्रवाई नहीं की.

Nirmala Sitharaman | Photo- X

Karnataka Sex Scandal: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को दावा किया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने मामले की जानकारी होने के बावजूद महिलाओं के यौन शोषण के आरोपी जद (एस) नेता प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ करीब एक साल तक कार्रवाई नहीं की. उन्होंने यहां चुनिंदा पत्रकारों के साथ एक बैठक में कहा, कांग्रेस को डर था कि वह वोक्कालिगा वोट खो सकती है और इसलिए लोकसभा चुनाव का पहला चरण खत्म होने तक चुप रही.

जब उनसे पूछा गया कि क्या इस घोटाले का असर कर्नाटक में जारी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी के प्रदर्शन पर पड़ेगा, सीतारमण ने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम महिलाओं के खिलाफ जाने वाले मामलों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और उस पर हम एकजुट हैं. भले ही यह (भाजपा के) गठबंधन सहयोगी का मुद्दा है, हमने स्पष्ट कर दिया है कि यह स्वीकार्य नहीं है, और इसकी जांच होनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि यह दावा किया जा रहा था कि एक वाहन चालक ने कांग्रेस पार्टी और राज्य के गृह मंत्री को एक ‘पेन ड्राइव’ (कथित तौर पर रेवन्ना के कृत्यों के सबूत वाली) दी थी, लेकिन वे लगभग एक साल तक इस सबूत को दबाए रहे, और “अब भाजपा को जवाब देना पड़ा क्योंकि जद(एस) हमारे साथ गठबंधन में है.”

सीतारमण ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के मंत्रियों को पता था कि ‘पेन ड्राइव’ में क्या है लेकिन उन्होंने यह नहीं सोचा कि महिलाओं की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए. भाजपा नेता ने कहा, “उन्हें लगा कि वोक्कालिगा वोट उनके हाथ से जा सकते हैं और उन्होंने लोकसभा का पहला चरण खत्म होने तक चुप रहने का फैसला किया. अब वे इसे एक बड़ा मुद्दा बना रहे हैं और इसे आगे बढ़ा रहे हैं जो कि कांग्रेस की खासियत है और यह उनके पाखंड को दर्शाता है.” उन्होंने पूछा कि जांच में एक साल की देरी क्यों की गई.

उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार अब इस मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी करने और उन्हें विदेश से वापस लाने के लिए कह रही है, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री ने साफ कहा था कि कर्नाटक सरकार जो भी कार्रवाई करना चाहे कर सकती है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से पार्टी का टिकट मिलने के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा कि सांसद के खिलाफ आरोप अभी तक साबित नहीं हुए हैं. बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “बृजभूषण के खिलाफ कुछ भी साबित नहीं हुआ है. यदि वह दोषी ठहराए गए, तो भी मैं कहूंगी कि आप बेटे पर दोष मढ़ना चाहते हैं. यहां तक कि दोषी लोगों के बच्चों को भी कई पार्टियों ने जगह दी है.” उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दो चरणों के बाद भी भाजपा अपने दम पर 370 सीट और राजग सहयोगियों के साथ 400 सीट जीतने को लेकर आश्वस्त है.

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा बचाव की मुद्रा में है और अपना पक्ष रखने के बजाय विपक्ष के विमर्श का जवाब दे रही है, सीतारमण ने कहा कि ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा, “कांग्रेस के घोषणापत्र पर हमारी प्रतिक्रिया रक्षात्मक नहीं है, न ही नकारात्मक है, बल्कि यह अधिक आक्रामक और ठोस है.” उन्होंने कहा कि घोषणापत्र मुस्लिम लीग के दस्तावेज जैसा है.

बाद में, शहर के डेक्कन कॉलेज में एक कार्यक्रम में विद्यार्थियों के साथ बातचीत में सीतारमण ने रोहित वेमुला मामले के बारे में बात की, जहां तेलंगाना पुलिस ने एक स्थानीय अदालत के समक्ष एक ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल कर कहा है कि हैदराबाद विश्वविद्यालय का छात्र दलित नहीं था और 2016 में उसने आत्महत्या कर ली क्योंकि उसे डर था कि उसकी “असली जाति” का पता चल जाएगा.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, विश्वविद्यालय को संवेदनशीलता से निपटने की अनुमति दिए बिना इस मुद्दे को सड़कों पर उछाला गया. उन्होंने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. इसे सड़कों पर उछाला गया और एक कहानी गढ़ी गई कि सरकार (तथ्यों को) दबा रही है तथा विद्यार्थियों और अनुसूचित जाति के खिलाफ है. आज वही लोग जिन्होंने वेमुला के परिवार को सड़क पर घसीटा, उन्हें पूरे देश के सामने खड़ा होना चाहिए और इसका राजनीतिकरण करने के लिए माफी मांगनी चाहिए.”

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