नागरिकता कानून और NRC के विरोध में राजघाट पर 23 दिसंबर को कांग्रेस का धरना, सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी होंगे शामिल

कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के खिलाफ दिल्ली स्थित राजघाट पर सोमवार दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे तक धरना देगी. इसमें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी भी शामिल होंगे.

राहुल गांधी और सोनिया गांधी (Photo Credits: PTI)

कांग्रेस (Congress) नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के खिलाफ दिल्ली (Delhi) स्थित राजघाट पर सोमवार (23 दिसंबर) दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे तक 'धरना' देगी. इसमें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी शामिल होंगे. ज्ञात हो कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशव्यापी विरोध के बीच कांग्रेस सीधे तौर पर आंदोलन में शामिल नहीं हुई है. हालांकि, कांग्रेस ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर लोगों के असंतोष को दबाने के लिए क्रूरता से बल प्रयोग का आरोप लगाया था. कांग्रेस ने कहा था कि वह छात्रों और विरोध करने वाले नागरिकों के साथ खड़ी है.

संशोधित नागरिकता कानून को लेकर देशभर में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि यह स्थिति पूरी तरह से सरकार द्वारा पैदा की हुई है. वहीं, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को कहा था कि कांग्रेस शासित राज्यों में इस कानून को लागू करने का सवाल ही नहीं उठता. यह असंवैधानिक कानून है. राज्यों को असंवैधानिक कानून लागू करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. यह भी पढ़ें- CAA पर बवाल: बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव बोले- विशेष अभियान चलाएगी हमारी पार्टी, 3 करोड़ से ज्यादा परिवारों से करेंगे संपर्क.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले एक वीडियो संदेश में सोनिया गांधी ने कहा था कि कांग्रेस देश के छात्रों और नागरिकों के खिलाफ बल प्रयोग पर गहरी चिंता व्यक्त करती है और उनके साथ एकजुटता से खड़ी है. उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र में लोगों को सरकार के गलत फैसलों और नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने और अपनी चिंताओं को दर्ज कराने का अधिकार है.

उन्होंने कहा था कि बीजेपी सरकार लोगों की आवाज पर ध्यान नहीं दे रही है और उनके विरोध व असंतोष को दबाने के लिए बल प्रयोग किया जा रहा है. उन्होंने प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए कहा था कि सीएए भेदभावपूर्ण है और प्रस्तावित एनआरसी समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को लक्षित करेगा.

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