बिहार उपचुनाव में वाम दलों की महागठबंधन में एकता तार-तार, पार्टी प्रत्याशी उतारकर एक-दूसरे के खिलाफ लगा रहे हैं आरोप
बिहार में विधानसभा की पांच और लोकसभा की एक सीट पर हो रहे उपचुनाव में महागठबंधन की एकता दरकने के बाद वामपंथी दलों की एकता भी दरक गई है. सीवान जिले की दरौंदा विधानसभा सीट पर जहां भाकपा-माले और भाकपा अपने-अपने प्रत्याशी उतारकर एक-दूसरे के खिलाफ दमखम ठोंक रहे हैं, वहीं वामपंथी दलों में एकता का दंभ भी तार-तार हो गया है.
पटना : बिहार में विधानसभा की पांच और लोकसभा की एक सीट पर हो रहे उपचुनाव में महागठबंधन की एकता दरकने के बाद वामपंथी दलों की एकता भी दरक गई है. सीवान जिले की दरौंदा विधानसभा सीट पर जहां भाकपा-माले (Communist Party of India) और भाकपा अपने-अपने प्रत्याशी उतारकर एक-दूसरे के खिलाफ दमखम ठोंक रहे हैं, वहीं वामपंथी दलों में एकता का दंभ भी तार-तार हो गया है.
मजेदार बात यह कि वामपंथी दल महागठबंधन के प्रत्याशी का समर्थन की बात तो करते हैं, लेकिन दूसरे वामपंथी दल के प्रत्याशी के समर्थन को नकारते हैं. इस उपचुनाव में भाकपा ने दरौंदा में भरत सिंह, नाथनगर में सुधीर शर्मा और किशनगंज में फिरोज आलम को अपना उम्मीदवार बनाया है. इन तीनों सीटों को छोड़कर शेष दो सीटों-सिमरी बख्तियारपुर और बेलहर में उसने राजद के उम्मीदवारों को समर्थन देने का फैसला लिया है.
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समस्तीपुर लोकसभा सीट पर तीनों प्रमुख वाम दलों भाकपा-माले, भाकपा और माकपा ने मिलकर कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. अशोक कुमार को समर्थन देने की घोषणा की है. भाकपा माले ने दरौंदा से जयशंकर पंडित को अपना प्रत्याशी बनाया है. माकपा ने यहां हालांकि भाकपा-माले प्रत्याशी को अपना समर्थन देने का फैसला किया है.
भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने आईएएएनएस से बातचीत में माना कि वामपंथी दलों की एकता दरकी है. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि उपचुनाव में वामपंथी दलों का होमवर्क उतना नहीं हो सका, जितनी की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि दरौंदा उनकी पारंपरिक सीट रही है.
अन्य वामपंथी दलों के प्रत्याशियों को समर्थन न देने के फैसले पर उन्होंने कहा, "भाकपा ने अपनी मर्जी से कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. हमारी प्राथमिकता भाजपा, जद (यू) को परास्त करना है, ऐसे में पार्टी ने मजबूत प्रत्याशी को समर्थन देने का फैसला लिया है."
उन्होंने कहा कि पार्टी अन्य सभी सीटों पर महागठबंधन प्रत्याशी का समर्थन करेगी. इस उपचुनाव में माकपा का एक भी उम्मीदवार नहीं है. पार्टी ने नाथनगर में उम्मीदवार खड़ा किया था, लेकिन नामांकन पत्रों की जांच में उनके नामांकन का पर्चा रद्द कर दिया गया. सभी सीटों पर 21 अक्टूबर को मतदान और 24 अक्टूबर को मतगणना होनी है.
भाकपा के प्रदेश सचिव सत्यनारायण सिंह ने भी अफसोस जताते हुए कहा कि उपचुनाव में वामपंथी दलों के एका को धक्का लगा है. उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी बेलहर और सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीटों पर राजद का समर्थन करेगी, जबकि समस्तीपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में खड़ी होगी."
उनका कहना है, "वामपंथी दलों की प्राथमिकता भाजपा और जद (यू) प्रत्याशी को हराने की है. ऐसे में हमारी पार्टी ऐसे उम्मीदवारों का समर्थन कर रही है, जो भाजपा और जद (यू) प्रत्याशी को हराने में सक्षम है."