नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को वापस लेने को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) लगातार मोदी सरकार पर दबाव बना रही है. लेकिन सरकार की तरफ से अब तक कहना है कि वह इस कानून को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लेगी. वहीं दो हफ्ते पहले पीएम मोदी पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए हुए थे. जहां ममता बनर्जी ने इस कानून को लेकर प्रधानमंत्री से बात करने को लेकर मुलाकात की थी. लेकिन उनकी तरफ से कहा गया कि वे इस मुद्दे पर बात करने के लिए दिल्ली आए. पीएम मोदी के इस न्योता पर ममता बनर्जी देर से ही सही अब उनका एक बयान आया है. उन्होंने कहा कि वे पीएम मोदी से बातचीत करने के लिए तैयार हैं. लेकिन सबसे पहले सीएए कानून को वापस लिया जाए.
बता दें कि इस कानून को लेकर पिछले महीने पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था. मोदी सरकार इस बिल को वापस ले लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान करोड़ो रुपये की सरकारी संपत्ति का भी नुकसान हुआ था. जिस नुकसान को लेकर बीजेपी ने ममता बनर्जी को घेरने की भी कोशिश किया. पश्चिम बंगाल से जुड़े बीजेपी के नेताओं ने कहा कि प्रदेश में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. लेकिन ममता बनर्जी चुप हैं. यह भी पढ़े: मामता बनर्जी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद खड़े हुए सवाल, क्या पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने अपना रूख नरम किया?
Ready for talks with PM, first withdraw CAA, says Mamata Banerjee
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— ANI Digital (@ani_digital) January 28, 2020
वहीं इस कानून को लेकर ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि इस प्रदेश में रहने वाले लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.पश्चिम बंगाल में उनके जिन्दा रहने तक सीएए और एनआरसी लागू नहीं किया जाएगा. हलांकि केंद्र सरकार की तरफ से अमित शाह संसद भवन में पहले ही कह चुके हैं कि लोग कितना भी विरोध करें सीएए के बाद देश में एनआरसी लागू किया जाएगा.