सीएम जयराम ठाकुर ने राज्य विधानसभा को किया सूचित, कहा- हिमाचल प्रदेश पर 49 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है कर्ज
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर File Photo | (Photo Credits: ANI)

शिमला : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) ने शनिवार को राज्य विधानसभा को सूचित किया कि राज्य पर 49,096 करोड़ रुपये का कर्ज है. ठाकुर ने जगत सिंह नेगी, राजेंद्र राणा और रमेश चंद धवाला के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राज्य का कर्ज 2017 में 46385 करोड़ रुपये था.

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने इस वर्ष 31 जुलाई तक 2711 करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज लिया. इसलिए कर्ज का बोझ अब बढ़कर 49,096 करोड़ रुपये हो गया है. उन्होंने कहा कि राज्य पर बोझ 2007 और 2012 में क्रमश: 19,977 और 27,598 करोड़ रुपये था. ठाकुर ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2013 से 2017 के बीच अपने पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान कुल 18,787 करोड़ रुपये का कर्ज लिया.

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मुख्यमंत्री ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों का इस वर्ष 31 जुलाई तक का आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि 11,329 करोड़ रुपये का कुल कर्ज लिया गया. इसमें से 6,517 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर्ज का भुगतान करने के लिए किया गया. उधर, विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों ने राज्य में भारी वर्षा से हुए नुकसान पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस विधानसभाध्यक्ष द्वारा स्वीकार नहीं करने के बाद सदन से बहिर्गमन किया.

पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभाध्यक्ष राजीव बिंदल ने घोषणा की कि कांग्रेस के तीन विधायकों मोहन लाल ब्रक्त, जगत सिंह नेगी और नंद लाल ने वर्षा से हुई क्षति पर चर्चा के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कामकाज प्रक्रिया एवं आचरण नियम के नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. बिंदल ने सदन को सूचित किया कि नियम 67 के तहत चर्चा की इजाजत नहीं दी जा सकती क्योंकि मामले पर चर्चा नियम 62 के तहत अन्य दिन पहले ही हो चुकी है.

इसके अलावा भरमौर और चोपल में बादल फटने की घटना पर चर्चा कांग्रेस विधायकों आशा कुमारी और बलबीर सिंह वर्मा द्वारा शनिवार को बाद में ध्यानाकर्षण नोटिस के तहत चर्चा के लिए सूचीबद्ध है. इस पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस के तीनों विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस वर्षा संबंधी घटनाओं से उचित तरीके से निपटने में सरकार की विफलता पर चर्चा के लिए दिया है.

इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया. ठाकुर ने विपक्ष पर बहिर्गमन करके राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मामले पर पहले ही चर्चा हो चुकी है और बादल फटने की घटना दिन में बाद में चर्चा के लिए आएगी.