Toilet Tax Row: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार, 4 अक्टूबर को दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान ‘टॉयलेट टैक्स’ लगाए जाने के सभी दावों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने इन दावों को आधारहीन और राजनीतिक लाभ के लिए रचा गया एक षड्यंत्र करार दिया. मुख्यमंत्री ने कहा, “हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा कभी धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है तो कभी तथाकथित टॉयलेट टैक्स का मुद्दा उठाकर भ्रम फैला रही है. कोई भी राजनीतिक दल झूठे आरोपों का सहारा लेकर राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश न करे.” मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने किसी भी तरह का टॉयलेट टैक्स नहीं लगाया है और न ही इसके संबंध में कोई प्रस्ताव लाया गया है.
जल शक्ति विभाग ने भी इस संबंध में स्पष्ट किया है कि राज्य में कमर्शियल टॉयलेट सीटों पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया है. विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि हाल ही में 25 रुपये प्रति टॉयलेट सीट चार्ज का जो दावा किया जा रहा है, वह पूरी तरह से गलत है.
हिमाचल में 'टॉयलेट टैक्स' के दावे निराधार: सीएम सुक्खू
भाजपा ने सक्षम लोगों को मुफ्त में रेवड़ियां बांटीं जबकि आज हिमाचल में हर जरूरतमंद को सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
टॉयलेट टैक्स जैसे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। इस मुद्दे पर उन्हें गंभीरता से अध्ययन करने की आवश्यकता है। pic.twitter.com/CQpIuXIOu9
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) October 4, 2024
शर्मा ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति बिल का 30 प्रतिशत हिस्सा सीवरेज शुल्क के रूप में लिया जाता है, जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है. हालांकि, कुछ गलतफहमी के कारण 21 सितंबर को कमर्शियल इकाइयों के लिए 25 रुपये प्रति टॉयलेट सीट का एक प्रस्ताव लाया गया था, जिसे उसी दिन डिप्टी सीएम की आपत्ति के बाद वापस ले लिया गया. उन्होंने कहा, “सरकार पानी की आपूर्ति के लिए लगभग 700 से 800 करोड़ रुपये खर्च करती है. शहरी क्षेत्रों में सीवरेज शुल्क जल आपूर्ति कनेक्शन का हिस्सा है. राज्य में पहले से ही एक फ्लैट रेट मौजूद है, जिसमें प्रति कनेक्शन 100 रुपये चार्ज किए जाते हैं. कुछ कमर्शियल इकाइयों ने सरकारी सीवरेज कनेक्शन का उपयोग करते हुए स्वतंत्र जल कनेक्शन ले रखा था. इसे ध्यान में रखते हुए 25 रुपये प्रति टॉयलेट सीट का प्रस्ताव आया था, जिसे उसी दिन रद्द कर दिया गया.”
जल शक्ति विभाग के अनुसार, टॉयलेट सीट के आधार पर कोई टैक्स या शुल्क नहीं लगाया गया है और इस तरह की सभी खबरें भ्रामक हैं. विभाग ने कहा कि सीवरेज कनेक्शन की सुविधा पहले की तरह ही जारी रहेगी और इसका उद्देश्य शत-प्रतिशत कनेक्टिविटी हासिल कर प्रदूषण नियंत्रण और सीवरेज के उचित उपचार को सुनिश्चित करना है.