दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने किया प्रदर्शन
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship AmendmentAct 2019) राज्यसभा में जैसे ही पारित हुआ उसके बाद पूर्वोत्तर भारत में उठे आंदोलन की आंच राजधानी दिल्ली (Delhi) तक पहुंचने लगा है. दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (Jamia Millia Islamia University) के छात्रों ( Student) द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. छात्रों के इस आंदोलन को रोकने पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. छात्रों ने आंदोलन के दौरान सड़कों पर उतर आए थे. नागरिकता संशोधन बिल 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) के खिलाफ पूर्वोत्तर भारत में जबरदस्त रोष है. भारी विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर पूर्वी भारत के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा हुआ है.
नई दिल्ली:- नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship AmendmentAct 2019) राज्यसभा में जैसे ही पारित हुआ उसके बाद पूर्वोत्तर भारत में उठे आंदोलन की आंच राजधानी दिल्ली (Delhi) तक पहुंचने लगा है. दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (Jamia Millia Islamia University) के छात्रों ( Student) द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. छात्रों के इस आंदोलन को रोकने पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. छात्रों ने आंदोलन के दौरान सड़कों पर उतर आए थे. नागरिकता संशोधन बिल 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) के खिलाफ पूर्वोत्तर भारत में जबरदस्त रोष है. भारी विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर पूर्वी भारत के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा हुआ है.
असम के डिब्रूगढ़ नगरपालिका क्षेत्र में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। सेना और सुरक्षा बलों ने गुवाहाटी शहर में फ्लैग मार्च को जारी रखा है, जिससे शुक्रवार को पांच घंटे तक शांत माहौल देखने को मिला। सुरक्षाबलों के फ्लैग मार्च से एक दिन पहले ही विधेयक के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शन में दो व्यक्ति मारे गए थे. असम सरकार ने गुरुवार शाम को जोरहाट, गोलाघाट, तिनसुकिया और चराइदेव जिलों में कर्फ्यू लगा दिया था. इसके अलावा अब असम के तेजपुर और ढेकियाजुली कस्बों में भी कर्फ्यू लगा दिए गए हैं.
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गौरतलब हो कि विधेयक के अनुसार, हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग, जो 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए हैं, उन्हें अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी.