इसी हफ्ते इस्तीफा दे सकते हैं कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो

मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इसी हफ्ते इस्तीफा दे सकते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इसी हफ्ते इस्तीफा दे सकते हैं. देश में अक्टूबर से पहले चुनाव होने हैं और सर्वेक्षणों में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को अभी से पीछे बताया जा रहा है.कनाडा के अखबार 'द ग्लोब एंड मेल' ने ट्रूडो की लिबरल पार्टी में सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि ट्रूडो सोमवार छह जनवरी को ही पार्टी के मुखिया और प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे सकते हैं. अखबार के मुताबिक बुधवार को लिबरल पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक होनी है और ट्रूडो उसके पहले इस्तीफा दे सकते हैं.

अखबार ने यह भी कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पार्टी का नया नेता चुने जाने तक ट्रूडो अंतरिम तौर पर नेता रहेंगे या नहीं. बताया जा रहा है कि पार्टी के अंदर उनका विरोध बढ़ता जा रहा है. डिप्टी प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड उनके साथ असहमति की वजह से पहले ही इस्तीफा दे चुकी हैं.

जल्द हो सकते हैं चुनाव

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दावा किया है कि ट्रूडो ने अभी इस्तीफे पर फैसला नहीं लिया है, लेकिन उसकी संभावना बढ़ती जा रही है. रॉयटर्स के सूत्र ने अपना नाम ना बताने का अनुरोध किया क्योंकि उन्हें सार्वजनिक रूप से बात करने की इजाजत नहीं है.

एजेंसी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रतिक्रिया का अनुरोध किया लेकिन उसे तुरंत कोई जवाब नहीं मिला. सोमवार के लिए प्रकाशित उनके कार्यक्रम के अनुसार उन्हें कनाडा-अमेरिका संबंधों पर कैबिनेट की एक बैठक में हिस्सा लेना है. आने वाले चुनावों में अपनी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर चिंतित कई सांसदों ने सार्वजनिक तौर पर ट्रूडो से इस्तीफा देने के लिए कहा है.

अगर वो इस्तीफा दे देते हैं तो संभावना है कि जल्द चुनाव करवाने की मांग उठने लगे ताकि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन का सामना करने के लिए एक स्थिर सरकार बनाई जा सके.

पार्टी में ट्रूडो का विरोध

'द ग्लोब एंड मेल' अखबार के एक सूत्र के मुताबिक ट्रूडो ने वित्त मंत्री डॉमिनिक लब्लैंक से पूछा है कि क्या वो अंतरिम नेता और प्रधानमंत्री बनना चाहेंगे. हालांकि सूत्र ने यह भी कहा कि अगर लब्लैंक नेता पद का चुनाव लड़ना चाह रहे हों तो यह योजना काम नहीं करेगी.

53 साल के ट्रूडो ने अभी तक तो उन लिबरल सांसदों को शांत रखा था. ये नेता आम चुनाव के साथ ही दो विशेष चुनावों में पार्टी के अपनी सुरक्षित सीटें हारने को लेकर चिंतित थे. दिसंबर के बाद से उनके इस्तीफे की मांगें बढ़ गई हैं.

दिसंबर में क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सरकारी खर्च और बढ़ाने के ट्रूडो के प्रस्ताव का विरोध किया था जिसके जवाब में ट्रूडो ने सरकार में उनका दर्जा घटाने की कोशिश की. इसके बाद फ्रीलैंड ने इस्तीफा दे दिया और एक चिट्ठी लिख कर ट्रूडो पर लोगों के हित की जगह "राजनीतिक तिकड़मों" पर ध्यान देने का आरोप लगाया था.

भारत-कनाडा संबंध

पिछले साल भर से भी ज्यादा समय से भारत और कनाडा के संबंध खराब चल रहे हैं. 2023 में ट्रूडो ने कहा था कि सिख खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के पुख्ता सबूत है. भारत ने कनाडा के इस आरोप को खारिज कर दिया था.

यह विवाद अक्टूबर, 2024 में एक बार फिर भड़क गया जब कनाडा और फिर भारत ने एक-दूसरे के छह-छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. भारत सरकार ने यह भी आरोप लगाया है कि कनाडा में उसके राजनयिकों की ऑडियो और वीडियो निगरानी की जा रही है.

सीके/एनआर (एएफपी,रॉयटर्स)

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