महाराष्ट्र: ठाकरे सरकार ने बुलेट ट्रेन परियोजना पर लगाई ब्रेक
राज्य सरकार मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा करेगी ( फोटो क्रेडिट- PTI Pxhere )

मुंबई:- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य सरकार 1.10 लाख करोड़ रुपये की मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा करेगी. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश को समर्पित ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता रहा है. रविवार को यह आदेश देने से कुछ ही घंटों पहले ठाकरे ने पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के आरे कॉलोनी में प्रस्तावित मुंबई मेट्रो-3 में कार शेड परियोजना पर रोक लगा दी थी. ठाकरे ने जोर देकर कहा, हम बदले की भावना से काम नहीं करेंगे. हम बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की समीक्षा करेंगे, जैसा कि हमने मुंबई मेट्रो परियोजना पर रोक नहीं लगाई है. लगभग 1.10 लाख करोड़ रुपये की आगामी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) 0.1 प्रतिशत की ब्याज दर पर 50 साल के लिए 81 प्रतिशत ऋण दे रही है.

नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन (एनएचएसआरसी) इस परियोजना की निष्पादन एजेंसी है, जिसमें महाराष्ट्र और गुजरात 5,000 करोड़ रुपये इक्वि टी में और केंद्र सरकार 10,000 करोड़ रुपये देगी. फिलहाल, परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है, और राज्य के पालघर के कुछ हिस्सों में इसका विरोध हो रहा है. यह परियोजना 2023 तक पूरी होनी है. ठाकरे ने यह भी कहा कि राज्य पर पांच लाख करोड़ रुपये का कर्ज होने की जानकारी होने के बाद राज्य की आर्थिक स्थिति पर सरकार जल्द ही श्वेत पत्र जारी करेगी.

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ठाकरे ने कहा, "हमने सभी वर्तमान विकास कार्यो, कीमतों, अवरोधों और अंतिम तिथि संबंधी सभी जानकारियां मांगी है. यह मिलने के बाद हम निर्णय लेंगे कि किस परियोजना को वरीयता देनी है और क्या जिन परियोजनाओं को अभी वरीयता पर पूरा किया जा रहा है, वे वास्तव में जरूरी हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खजाने में कुल कर राजस्व में महाराष्ट्र 40-45 प्रतिशत योगदान करता है. ठाकरे ने कहा, अगर हमें इस पर दो सालों तक छूट मिल जाए तो महाराष्ट्र का पूरा कर्जा खत्म किया जा सकता है. इस मुश्किल समय में हम केंद्र से सहयोग की उम्मीद करते हैं.

प्रदेश की विपक्षी पार्टियों से राजनीतिक नहीं करने का आग्रह करते हुए ठाकरे ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि बतौर नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस भी अपने पद का उपयोग राज्य के हित में करेंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता पिछली सरकारों से भिन्न है और यह बिना माहौल बिगाड़े विकास करने पर केंद्रित है.