कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी की ‘रथ यात्रा’ (Rath Yatra) को अनुमति देने वाला सिंगल बेंच का आदेश शुक्रवार को रद्द कर दिया. मुख्य न्यायाधीश देबाशीष कारगुप्ता और न्यायमूर्ति शम्पा सरकार की खंडपीठ ने मामला वापस सिंगल बेंच के पास भेजते हुए कहा कि वह इस पर विचार करते वक्त राज्य सरकार की ओर से दी गई खु्फिया जानकारी को ध्यान में रखे. इससे पहले गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीजेपी के ‘रथ यात्रा’ कार्यक्रम को अनुमित दे दी थी और सांप्रदायिक अशांति की आशंका के आधार पर रैलियां निकालने की मंजूरी देने से इनकार करने के राज्य सरकार के फैसले को दरकिनार कर दिया था.
न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती ने गुरुवार को अपने आदेश में कहा था कि यदि प्रशासनिक अधिकारी मनमाने तरीके से विवेकाधिकार का इस्तेमाल करेंगे तो अदालतें दखल दे सकती हैं. अदालत के आदेश के बाद बाीजेपी तीन चरण के अपने प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए 28-31 दिसंबर के दौरान अंतरिम नई तारीखों के साथ सामने आ गई थी.
Calcutta High Court’s Chief Justice bench has quashed the single bench’s order allowing BJP's yatra in West Bengal. pic.twitter.com/ymV2we6mlx
— ANI (@ANI) December 21, 2018
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार के फैसले के बाद कहा था कि वैसे तो तारीखें अंतिम रुप से तय नहीं की गई हैं लेकिन रथयात्रा, जिसे अब गणतंत्र बचाओ यात्रा का नाम दिया गया है, अपने पिछले निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी और वह राज्य के सभी 42 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरेगी. बीजेपी सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष अमित शाह राज्य में इन तीनों यात्राओं को रवाना करने वाले थे. यह भी पढ़ें- सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस: स्पेशल CBI कोर्ट ने सभी 22 आरोपियों को बरी किया
बीजेपी के कार्यक्रम पर सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि बीजेपी का एकमात्र इरादा राज्य में धार्मिक आधार पर लोगों को बांटना और सांप्रदायिक तनाव पैदा करना है. बता दें कि बीजेपी राज्य में धीरे धीरे अपना मत प्रतिशत बढ़ा रही है. फिलहाल राज्य की 294 सदस्यों वाली विधानसभा में पार्टी के तीन और राज्य से लोकसभा में दो सांसद हैं.
एजेंसी इनपुट