सपा के मूल वोटरों को रिझाने में जुटी BJP, लखनऊ में करवा रही है ‘यादव सम्मेलन’
BJP 15 सितंबर को लखनऊ में करवाएगी यादव सम्मेलन (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: चुनाव तैयारियों के लिए बीजेपी ने अपनी कमर कस ली है. इस कड़ी में बीजेपी द्वारा पहला हमला सपा के वोट बैंक पर होगा. उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी के मूल वोट बैंक दलित समुदाय और पिछड़ी जातियों को बीजेपी अब अपनी तरफ करना चाहती है, जिसकी लिए बीजेपी एक खास प्लान बना रही है. पिछड़े वर्गों के तमाम जातियों के जातिवार सम्मेलन के बाद अब 15 सितंबर को बीजेपी यादव कार्यकर्ताओं का सम्मेलन करने जा रही है. माना जा रहा है कि बीजेपी इस कार्यक्रम के बहाने यादव समुदाय के लोगों का दिल जीतना चाहती है.

बीजेपी द्वारा इस सम्मेलन में सभी यादव कार्यकर्ताओं को शामिल होने के विशेष निर्देश दिए गए हैं. बूथ से लेकर प्रदेश स्तर के सभी कार्यकर्ताओं को खासतौर से इस सम्मलेन में आने के लिए कहा गया है. PM पद को लेकर राज बब्बर का बड़ा बयान कहा- जीत के बाद राहुल गांधी होंगे देश के प्रधानमंत्री

बता दें कि यादव समुदाय लंबे समय से सपा समर्थक रहा है, और सपा का मूल वोटबैंक भी. इस विशेष समुदाय पर सपा की मजबूत पकड़ रही है, जिस कारण बीजेपी को कभी इस समुदाय से बेहद कम वोट मिलते हैं. उत्तर प्रदेश में यादव समुदाय की वोटबैंक में भागीदार करीब 8 फीसदी है वहीं अन्य दलित जातियों की 20 फीसदी भागीदारी है.

आंकड़ों की मानें तो 2014 के आम चुनाव हों या 2017 के विधानसभा चुनाव यादव समुदाय से बीजेपी की झोली में वोट न के बराबर गिरे हैं. यादव समुदाय सहित अन्य सभी दलित जातियों के वोट सपा के खाते में गिरते आए हैं. इस बार के इस सम्मलेन द्वारा बीजेपी इस विशेष समुदाय को लुभाने की कोशिश करेगी ताकि पहले की तरह बीजेपी के खाते यहां खाली न रहें.

बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष यदुवंश का कहना है कि यह हमारे पिछड़े जातियों के सम्मेलन का ही एक हिस्सा है इसे किसी भी तरीके से यादव सम्मेलन नहीं कहना चाहिए. बीजेपी किसी जाति विशेष का सम्मेलन नहीं करती, लेकिन यह सच है कि 15 सितंबर को हमारे यादव और उससे मिलती जुलती जाति के जो लोग पार्टी के पदों पर हैं. उन्हें इस कार्यक्रम में बुलाया गया है. इस कार्यक्रम के जरिए हम भविष्य के चुनाव की तैयारी पर चर्चा करेंगे.

गौरतलब है कि प्रदेश में पिछड़ी जातियों के सम्मेलन की जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य को दी गई है. वह एक एक कर सभी जातियों के जातिवार सम्मेलन कर उन्हें पार्टी से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. पार्टी का मानना है कि वह किसी जाति को अपने से अलग नहीं कर सकती और वह समग्रता में सोचती है.