जम्मू-कश्मीर की जनता ने केंद्र शासित दर्जे का स्वागत किया: बीजेपी महासचिव राम माधव
भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव ने शुक्रवार को दावा किया कि जम्मू एवं कश्मीर की जनता ने केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे का स्वागत किया है, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद पूरे क्षेत्र में शांति बनी हुई है.
भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के महासचिव राम माधव ने शुक्रवार को दावा किया कि जम्मू एवं कश्मीर (Jammu-Kashmir) की जनता ने केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे का स्वागत किया है, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद पूरे क्षेत्र में शांति बनी हुई है. माधव ने यहां संवाददाताओं से कहा, "जम्मू एवं कश्मीर की जनता ने केंद्र शासित प्रदेश के गठन का स्वागत किया है. मैं श्रीनगर और जम्मू में कई प्रतिनिधियों, युवाओं और स्थानीय निवासियों से मिला हूं. प्रत्येक व्यक्ति उज्जवल भविष्य की उम्मीद कर रहा है."
उन्होंने कहा, "सरकार के ऐतिहासिक निर्णय लेने के बाद से क्षेत्र में शांति बनी हुई है. पिछले पांच महीनों में कोई जनहानि नहीं हुई है. इससे भी बढ़कर घाटी के वे क्षेत्र शांत हैं, जहां नियमित तौर पर पत्थरबाजी की घटनाएं होती रहती थीं." उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए राज्य के पुलिस और प्रशासनिक विभाग की प्रशंसा की.
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उन्होंने कहा, "शांतिपूर्ण माहौल का श्रेय जनता को भी जाता है." उन्होंने हाईस्कूल (10वीं) और इंटरमीडिएट (12वीं) की परीक्षा समय पर कराने के लिए स्थानीय प्रशासन की प्रशंसा की. माधव ने कहा, "परीक्षा में लगभग 99 प्रतिशत छात्र उपस्थित रहे. यह दिखाता है कि जनता भी केंद्र शासित प्रदेश को सही दिशा में विकसित होने देना चाहती है."
भगवा पार्टी के नेता ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियां सामान्य हो रही हैं और प्रदेश में सिर्फ 30-32 प्रमुख नेताओं को ही हिरासत में रखा गया है. उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि इन नेताओं को चरणबद्ध तरीके से रिहा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्थिति अनुकूल होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार जम्मू एवं कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर विचार कर सकती है. विपक्षी दलों पर करारा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन सिर्फ 'राजनीतिक और सांप्रदायिक साजिश' है.