नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में इन दिनों पानी पर खूब सियासत हो रही है. दरअसल भारतीय मानक ब्यरो (बीआईएस) ने शुक्रवार को दिल्ली समेत 20 राज्यों की राजधानियों के पेयजल की शुद्धता की रिपोर्ट जारी की थी. जिसमें मुंबई (Mumbai) के नलों में आने वाले पानी की गुणवत्ता सबसे अच्छी जबकि दिल्ली की सबसे ख़राब बताई गई. इसके बाद से राज्य में पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. इसी क्रम में रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) ने आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार पर जुबानी हमला बोला. जिसपर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पलटवार करते हुए रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित और झूठा बता दिया.
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट किया “फ्री पानी के नाम पर दिल्ली की जनता को ज़हर पिला रहे हैं अरविंद केजरीवाल. देश के 20 शहरों के पानी पर हुए सर्वे में दिल्ली का पानी सबसे ज्यादा जहरीला पाया गया. विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाली आम आदमी पार्टी सरकार लोगों को साफ़ पानी तक मुहैया कराने में नाकाम रही है.”
कुछ ही घंटों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जवाब में रीट्वीट किया “सर, आप तो डॉक्टर है. आप जानते हैं कि ये रिपोर्ट झूठी है, राजनीति से प्रेरित है. आप जैसे व्यक्ति को ऐसी गंदी राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए.” मुंबई का पानी सबसे शुद्ध, जबकि दिल्ली का पीने लायक तक नहीं- जानें अपने शहर का हाल
सर, आप तो डॉक्टर हैं। आप जानते हैं कि ये रिपोर्ट झूठी है, राजनीति से प्रेरित है। आप जैसे व्यक्ति को ऐसी गंदी राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। https://t.co/1qAPxXORcw
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 17, 2019
उल्लेखनीय है कि शनिवार को केन्द्रीय खाद्य एंव उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने दिल्ली और राज्यों की राजधानियों में उपलब्ध जल की गुणवत्ता पर रिपोर्ट जारी की. यह रिपोर्ट हर घर में 2024 तक नलों के जरिए लोगों को पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जल जीवन अभियान के अनुरूप जारी की गई. खाद्य एंव उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इसके लिए भारतीय मानक ब्यूरो के माध्यम से दिल्ली तथा राज्यों की राजधानियों में नल के जरिए आपूर्ति किए जाने वाले पीने के पानी की गुणवत्ता जांच करायी और जांच के नतीजों के आधार पर राज्यों, स्मार्ट शहरों और जिलों को रैकिंग दी गई.
इन नमूनों का विभिन्न मापदंडों जैसे कि ऑर्गनोलेप्टिक और फिजिकल टेस्ट, रासायनिक परीक्षण, विषाक्त पदार्थ और बैक्टीरिया आदि की मौजूदगी के हिसाब से परीक्षण किया गया. मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित एक या अधिक मापदंडों को पूरा करने के मामले में बहुत सारे नमूने विफल रहे है.
जल गुणवत्ता के हिसाब से दिल्ली और राज्यों की रैकिंग जानने के लिए यहां क्लिक करें
इनमें से दिल्ली कि विभिन्न स्थानों से एकत्र किए गए पानी के ग्यारह नमूने कई निर्धारित मानदंडों में से खरे नहीं उतर पाए. हालांकि मुबंई से एकत्र किए गए 10 नमूने सभी मानदंडों पर खरे पाए गए. जबकि हैदराबाद, भुवनेश्वर,रांची,रायपुर,अमरावती और शिमला के पानी के एक या उससे अधिक नमूने मानदंडों पर सही नहीं पाए गए. 13 राज्यों की राजधानियों जैसे चंडीगढ़, तिरुवनंतपुरम, पटना,भोपाल, गुवाहाटी, बेंगलूरु, गांधीनगर,लखनऊ, जम्मू, जयपुर, देहरादून,चेन्नई और कोलकाता से लिए गए पानी के नमूनों में से कोई भी निर्धारित मानकों पर सही नहीं पाए गए.