Bihar Election 2020: बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह LJP में हुए शामिल, इस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव अब करीब है. लेकिन उससे पहले चुनाव को लेकर नेताओं के दल बदल और दलों के गठबंधनों में बदलाव का सिलसिला जारी है. एक तरफ जहां जीतन राम मांझी NDA का हिस्सा बन गए तो वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने रिश्ता तोड़कर खुद को अलग करने का फैसला किया है. इसी कड़ी में LJP अब अपने दम पर मैदान फतेह करने उतर रही है. वहीं कई नेता टिकट न मिलने का इंतजार कर रहे हैं. अगर टिकट मिला तो ठीक नहीं तो पार्टी बदल लेंगे. इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बागी नेता राजेंद्र सिंह ने LJP में शामिल हो गए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजेंद्र सिंह जिस सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे वहां से JDU अपने उम्मीदवार उतार रही है.
Bihar Assembly Elections 2020: बिहार विधानसभा चुनाव अब करीब है. लेकिन उससे पहले चुनाव को लेकर नेताओं के दल बदल और दलों के गठबंधनों में बदलाव का सिलसिला जारी है. एक तरफ जहां जीतन राम मांझी NDA का हिस्सा बन गए तो वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने रिश्ता तोड़कर खुद को अलग करने का फैसला किया है. इसी कड़ी में LJP अब अपने दम पर मैदान फतेह करने उतर रही है. वहीं कई नेता टिकट न मिलने का इंतजार कर रहे हैं. अगर टिकट मिला तो ठीक नहीं तो पार्टी बदल लेंगे. इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बागी नेता राजेंद्र सिंह ने LJP में शामिल हो गए. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजेंद्र सिंह जिस सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे वहां से JDU अपने उम्मीदवार उतार रही है.
हालत को भांपते हुए राजेंद्र सिंह ने बीजेपी को छोड़कर LJP का दामन थाम लिया. बता दें कि साल 2015 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र सिंह सीएम पद के लिए प्रमुख दावेदार थे. लेकिन चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. लेकिन इस चुनाव में राजेंद्र सिंह ने जेडीयू उम्मीदवार जय कुमार सिंह को जोरदार टक्कर दी थी. वहीं इस बार फिर से JDU ने अपने मंत्री जयकुमार सिंह को टिकट देकर मैदान में उतारा है. यह भी पढ़ें:- Bihar Assembly Elections 2020: बीजेपी ने LJP को पीएम मोदी, अमित शाह की तस्वीर और नाम पर वोट मांगने से रोका- रिपोर्ट.
अपनी पसंद की सीट और हाथ में टिकट न आने पर राजेंद्र सिंह ने LJP में शामिल हो गए. गौरतलब हो कि राजेंद्र सिंह का LJP में आना बीजेपी के लिए एक झटका माना जा रहा है. वहीं बीजेपी और JDU के सीटों के बंटवारे पर सभी नजरें टिकी हैं. हर बार देखा गया है कि टिकट न मिलने पर बड़ी संख्या में नेता पाला बदल लेते हैं. क्योंकि नेता बनने की चाह सभी में होती है.