Bihar Assembly Election 2020: तेजस्वी की तरह ही चिराग पासवान की सभा में भी उमड़ रहा है जनसैलाब, जानें LJP को मिल रहे जनसमर्थन से किसका होगा नुकसान?
एलजेपी नेता चिराग पासवान ( फोटो क्रेडिट- Twitter)

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होना है. चुनाव में जीत कि उम्मीद लिए तमाम दलों के नेताओं ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. इस बार की चुनाव में सभी कि नजरें एनडीए (National Democratic Alliance) से अलग होकर चुनाव लड़ रहे लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) पर है. बिहार की जनता चिराग पासवान को कितना वोट देगी यह तो परिणाम के दिन पता चलेगा. लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान उनकी सभा में जुटने वाली भीड़ ने विरोधी दलों के माथे पर बल ला दिया है. वहीं, एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ रहे चिराग पासवान लोगों की भीड़ देखकर गदगद हैं. चिराग पासवान ने अपने ट्वीटर अकाउंट से वीडियो भी ट्वीट किया है.

चिराग पासवान कह रहे हैं उन्हें युवाओं का समर्थन मिल रहा है. इसके साथ उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार पर जमकर हमला कर रहे हैं. चिराग पासवान तो यहां तक कह रहे हैं कि अगर सरकार बनी तो 15 में हुए घोटालों की पोल खोली जाएगी. चिराग पासवान को अगर जनसमर्थन मिलता है तो उसका सबसे बड़ा नुकसान किसे होगा. इसपर सभी नजरें हैं. वैसे जरा इस गणित को समझें, लोक जनशक्ति पार्टी ने शुरू से नीतीश कुमार को अपना निशाना बनाया है. LJP के निशाने पर बीजेपी नहीं है. इसके अलावा एलजेपी ने अपने उम्मदीवार JDU के खिलाफ उतारे हैं लेकिन बीजेपी के खिलाफ नहीं.

चिराग पासवान की सभा का VIDEO:-

अगर चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी ने सेंध लगाती है उसका सबसे ज्यादा नुकसान JDU को हो सकता है. अगर जेडीयू को नुकसान हुआ और LJP को फायदा तो सियासी ड्रामा और भी रोचक हो जायेगा. क्योंकि चिराग पासवान बीजेपी के कहने पर तुरंत लौट आएंगे लेकिन फिर नीतीश कुमार का क्या होगा इसपर सवाल खड़े हो जाएंगे. वहीं इसके अलावा चिराग पासवान एक युवा नेता है और अगर युवाओं को लुभाने में कामयाब हुए तो उसका नुकसान तेजस्वी यादव को भी हो सकता है. फिलहाल दोनों युवा नेताओं की रैलियों में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो रही है. यह भी पढ़ें:- Bihar Assembly Elections 2020: तेजस्वी की सभा में उमड़ी भीड़ से NDA कैंप में टेंशन, मगर क्या जनसैलाब वोटों में होगा तब्दील?

चिराग पासवान की सभा दूसरा VIDEO:-

लेकिन एक बात तो सच है कि राजनीति में कयास तो लगाए जा सकते हैं. लेकिन असली फैसला जनता के हांथों की उंगलियों में होती है. जो अपने मत से सरकार को बनाते भी हैं और सरकार से बेदखल भी करते हैं. फिलहाल नेता जनता को लुभाने में जुटे हैं और जनता अपने मत से किसे सरकार में लेकर आएगी इसका फैसला आने वाला चुनावी परिणाम से पता चलेगा.